बलौदाबाजार के ग्राम कोकड़ी में आयोजित किए जा रहे आशुतोष शिव कथा महापुराण में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। महापुराण के तीसरे दिन यहां करीब 3 लाख श्रद्धालु जुटे और अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा से शिव कथा सुनी।
रामुराम जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित कथा महापुराण में पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने बताया कि जब बहुत दुख की घड़ी आती है, तब जिस चीज की जरूरत होती है, हमें वहां जाना पड़ता है। सोने-चांदी, आभूषण, बर्तन या संपत्ति को बेचकर हम अपनी आर्थिक समस्याओं को दूर करते हैं। ऐसे ही तकलीफ के समय आप कुछ न करें, केवल भगवान शिव के पास जाएं और उन्हें एक लोटा जल, चावल के दाने और बेलपत्र अर्पित करें। भगवान शिव को कुछ नहीं चाहिए, बस आप अपनी श्रद्धा उन्हें दीजिए, आपकी सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी।
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सारी दुनिया में किए गए व्रत और दान का पुण्य भले ही फलदायी न हो, लेकिन भगवान शिव को श्रद्धा से चढ़ाए गए बेलपत्र, अक्षत और जल का फल आपके साथ जीवन भर रहेगा। उसका पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। कथा में भगवत का बल और भक्ति होनी चाहिए, तभी उसका फल प्राप्त होता है। धर्म के धक्के खाकर जो भगवान के पास पहुंचते हैं, तो भगवान भी उनका हाथ पकड़कर उन पर कृपा करते हैं।
बता दें कि ग्राम कोकड़ी में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालु 2 जनवरी से कथा सुनने आ रहे हैं। 8 जनवरी तक यहां शिव कथा महापुराण का आयोजन होगा। भक्त देर रात तक यहां भजन-कीर्तन करते हैं। सुबह ठंडे पानी से नहाकर शिव के नाम का जाप करते हुए उनकी कथा का इंतजार करते हैं। शिव पुराण के अनुसार शिवकथा का स्थल कैलाश का प्रतीक होता है। कोकड़ी गांव भी इन दिनों कैलाश स्वरूप में है। जो श्रद्धालु यहां उपस्थित हैं, उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा है। पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने अपने प्रवचन में कहा कि जो व्यक्ति किसी स्त्री को अपशब्द बोलता है, शिवालय-मंदिर में जाते हुए व्यक्ति का अपमान करता है, तो उसके जीवनकाल का अंतिम चरण बहुत कष्ट में बीतता है।
उन्होंने कहा कि इस दुनिया मे जो ताकत स्त्री के तप और भक्ति में है, वह दुनिया में कहीं भी नहीं है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ से विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संगत का जीवन में बहुत असर होता है। तुम कहां बैठ रहे हो, किसके साथ बैठ रहे हो, उस परिस्थितियों से उस व्यक्ति की कीमत आंकी जाती है। जीवन में ताली मित्र, थाली मित्र और प्याली मित्र विनाश का कारण बनते हैं, इसलिए अच्छे और बुरे समय में अच्छी संगत करें, क्योंकि बुरे समय में आपके साथ कोई नहीं रहेगा। जीवन को सार्थक बनाइए। स्वयं की इच्छाशक्ति से जीवन निर्माण करिए, जिससे परिवार और समाज में खुशियों का आगमन होगा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने माता-पिता का कहना छोड़कर दूसरों की बात मानता है, वो अपने विनाश को आमंत्रित करता है। भगवान शिव को जो दिल से जपता है, उसे बाबा दिल से सुनते हैं। जीवन की इस यात्रा में सभी समस्याओं का ‘एक ही हल एक लोटा जल और शिवतत्व है’।