आरक्षण विवाद की वजह से परीक्षाओं के नतीजों की राह देख रहे उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने पहला रुका नतीजा सोमवार को जारी कर दिया है। पर्यावरण संरक्षण मंडल में दो वैज्ञानिकों की भर्ती के लिए पीएससी ने सितंबर में परीक्षा ली थी।
इसके बाद आरक्षण पर हाई कोर्ट का फैसला आ गया और नतीजे रोक दिए गए। परीक्षा में 1946 उम्मीदवार शामिल हुए थे। आरक्षण विवाद के बीच राज्य में किसी भी सरकारी भर्ती यह पहला रिजल्ट है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में अभी भी राज्य सेवा परीक्षा-2021 समेत करीब 9 परीक्षाओं के नतीजे अटके हैं। आरक्षण विवाद के बीच रिजल्ट जारी कर मेरिट लिस्ट बनाना बेहद मुश्किल काम है। इसलिए पीएससी से हुई भर्ती परीक्षाओं के नतीजे लगातार महीनों से रुके हुए हैं।
इन परीक्षाओं के नतीजे कब तब जारी होंगे अफसर भी नहीं बता पा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से जब तक इस मामले में कोई निर्देश नहीं मिल जाते आरक्षण का मामला नहीं सुलझेगा। इधर दूसरी ओर व्यापमं भर्ती परीक्षाओं के भी नतीजे रुके हुए हैं।
गौरतलब है कि व्यापमं की ओर से कोई भी परीक्षा आयोजित की जाती है तो उसके नतीजे सीधे संबंधित विभाग को भेजे जाते हैं। संबंधित विभाग ही भर्ती की आगे की कार्यवाही पूरी करता है। वहीं दूसरी ओर पीएससी से होने वाली भर्तियों में आयोग से ही परीक्षा ली जाती है। नतीजे जारी किए जाते हैं और फिर मेरिट बनाकर भर्ती की जाती है।
व्यापमं से अभी नई भर्ती नहीं पीएससी ने कैटेगरी नहीं बताई
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल से अभी कोई नई भर्ती नहीं होगी। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से राज्य सेवा परीक्षा-2022 व सिविल जज भर्ती परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है। पिछले दिनों इसके लिए आवेदन भी मंगा लिए गए हैं। इन परीक्षाओं में पीएससी ने कुल पदों की संख्या तो बताई है, लेकिन इसमें कैटेगरी का उल्लेख नहीं किया गया है।
राज्य सेवा के कुल पदों में सामान्य वर्ग, ओबीसी व एससी-एसटी के लिए कितने पद हैं इसकी जानकारी ही नहीं दी गई है। कैटेगरी वाइज पोस्ट जारी नहीं होने की वजह से छात्र परेशान हैं। इस वजह से इन भर्तियों को संशय की भी नजरों से देखा जा रहा है।
बढ़ती उम्र से परेशान, परीक्षा से बाहर होने का खतरा बढ़ा
सीजीपीएससी, व्यापमं समेत कई सरकारी एजेंसियों से नई भर्ती रुकने की वजह से परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को तगड़ा झटका लगा है। उनका कहना है कि नतीजे अटकने और नई परीक्षाएं नहीं होने का असर उनकी उम्र पर भी हो रहा है।
2022 बीतने के बाद कई उम्मीदवार कई पदों के लिए उम्र की वजह से अपात्र हो रहे हैं। कई उम्मीदवार ऐसे भी जो निर्धारित अधिकतम उम्र सीमा के आखिरी पायदान पर खड़े हैं। कुछ महीने बाद उनकी उम्र भी कई परीक्षाओं के लिए ज्यादा हो जाएगी। इस वजह से उनकी परेशानी लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि आरक्षण मामला सुलझाने की मांग तेज होती जा रही है।