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शहर के लोगों और निगम के लिए बनी समस्या:रोज सौ टन से ज्यादा मलबा पुराने कंस्ट्रक्शन का निकल रहा,अब घरों से ले जाएगा निगम

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राजधानी में सरकारी और प्राइवेट निर्माणों के कारण रोज 100 टन से ज्यादा मलबा पुराने कंस्ट्रक्शन का निकल रहा है। पुराने सरकारी निर्माण टूटने पर भले ही इसका बेहतर मैनेजमेंट हो रहा है, लेकिन बड़ी संख्या में प्राइवेट निर्माण का मलबा यहां-वहां खुली जगहों में फेंका जा रहा है। यह शहर के लोगों और नगर निगम के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है, इसलिए निगम ने सी एंड डी वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) के लिए हीरापुर के पास जरवाय में एक प्लांट तैयार किया है।

इस प्लांट में सी एंड डी वेस्ट को प्रोसेस कर दूसरे उपयोग में लाया जाएगा। नगर निगम लोगों के घर और साइट से इस तरह का मलबा उठाकर ले जाएगा। प्लांट में रोज 65 से अधिकतम 130 टन मलबे का प्रोसेस किया जाएगा। यहां मलबे को अलग-अलग तरह प्रोसेस करने के बाद दूसरे काम में उपयोग के लायक बनाया जाएगा।

अफसरों का कहना है गिट्टी, रेत, ईंट इत्यादि को अलग करने के बाद उससे पेवर ब्लॉक, टाइल्स, सीमेंटेड विंडो, पोल इत्यादि बनाए जाएंगे। इससे नगर निगम को आमदनी होगी। यानी अब तक लोगों के लिए परेशानी बन रहा पुराने कंस्ट्रक्शन का मलबा सीएंड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम से निगम के लिए कमाई का जरिया बनेगा।

इस पैसे का उपयोग शहर के सौंदर्यीकरण और आम लोगों के लिए उपयोगी जरूरतों पर किया जाएगा। अभी जब लोग सड़क के किनारे मलबा फेंक देते है। तब निगम को ही रास्ता क्लियर करने मलबा हटाना पड़ता है। इससे अनावश्यक खर्च भी होता है।

प्लांट संचालन के लिए जारी किया टेंडर

जरवाय में स्थापित प्लांट के संचालन के लिए नगर निगम ने टेंडर जारी किया है। निगम अफसरों का कहना है कि संबंधित कंपनियों और एजेंसियों से निविदा मंगवाई गई है। इसके लिए न्यूनतम बेस प्राइज 10 लाख रुपए रखी गई है। इस बेस प्राइज से ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनियों को संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। प्लांट संचालन करने वाली कंपनी से 15 से 20 लाख रुपए सालाना आय का अनुमान है। फिलहाल निगम 3 साल के लिए टेंडर जारी करेगा।

सीएंडडी वेस्ट के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया जा रहा है। निर्माण सामग्री और मलबे का उपयोग होने से शहर की एक बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। लोगों की यह आम शिकायतें रहती हैं कि उनके घरों के आसपास लोग खुले में मलबा फेंक देते हैं। सड़कों पर भी मलबा फैला दिया जाता है। निगम ने प्लांट तैयार कर लिया है।
सुनील चंद्रवंशी, अपर आयुक्त नगर निगम