Home छतीसगढ़ अनुमति से अधिक निर्माण करने वालों से निगम करेगा वसूली

अनुमति से अधिक निर्माण करने वालों से निगम करेगा वसूली

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अब नगरीय निकाय क्षेत्र में अनुमति से अधिक निर्माण करने वाले प्रॉपर्टी धारक टैक्स की चोरी नहीं कर पाएंगे। निगम प्रशासन अपने क्षेत्र में रेंडम चेकिंग करेगा और अनुमति से अधिक निर्माण करने वालों की सूची बनाकर उनसे पूरा टैक्स वसूलेगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक डॉ. अय्याज तंबोली ने इसके लिए सभी निगम आयुक्त व कलेक्टर को निर्देश दिए हैं।

दुर्ग कलेक्ट्रेट सभागार में संचालक डॉ. अय्याज तंबोली ने गुरुवार शाम सभी निगम आयुक्तों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक में उनका पूरा फोकस टैक्स की वसूली को लेकर था। उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स वसूली, राजस्व वसूली, भवन अनुज्ञा, नीलामी, दरों में परिवर्तन करने संबंधित निर्माण कार्य को लेकिन निगम सही कार्य नहीं कर रहा है।

निगम को अपनी माली हालत सुधारने के लिए अपने रेवेन्यू को बढ़ाने पर काम करना चाहिए। उन्होंने निगम अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सभी निगम क्षेत्र लोग जितना भवन अनुज्ञा लेते हैं उतना ही टैक्स जमा करा लिया जाता है। अधिकारी यह तक जानने की जहमत नहीं उठाते हैं कि टैक्स पटाने वाला सही टैक्स दे रहा है या नहीं। इसके लिए उन्हें रेंडम जांच करना चाहिए और टैक्स के मुताबिक प्रॉपर्टी की जांच करनी चाहिए। ऐसा करने से निगम का राजस्व जरूर बढ़ेगा।

बैठक में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा, भिलाई निगम आयुक्त रोहित व्यास, दुर्ग निगम प्रभारी आयुक्त लक्ष्मण तिवारी, संयुक्त संचालक एसके सुंदरानी, मुख्य अभियंता यूके धलेंद्र, आशीष देवांगन नगर निगम आयुक्त रिसाली, लोकेश चंद्राकर, सीएमओ व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जर्जर हो चुकी दुकानों की लीज नहीं होगी रिन्यूअल
डॉ. तंबोली ने सभी निगम आयुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जर्जर हो चुकी दुकानों के लीज़ को रिन्यूअल न किया जाए। उन दुकानों को संधारण किया जाए। उसके बाद नए नियम के मुताबिक लीज रिन्यूअल की जाए।
शहर के विकास को लेकर भी की गई चर्चा
बैठक दौरान शहर के विकास कार्य को लेकर भी चर्चा की गई। उन्होंने अधिकारियों से सड़क मरम्मत के लिए जारी की राशि के विरुद्ध कार्य की प्रगति रिपोर्ट मांगी। आय बढ़ाने के साधन पर चर्चा की। निकाय की निर्मित परिसंपत्तियों से प्राप्त आय, 1.00 रुपए प्रति वर्ग फुट जमीन के संबंध में जारी दिशा-निर्देश। राजस्व वसूली के लिए किए गए प्रयास की रिपोर्ट, अनाधिकृत भवन निर्माण के नियमितीकरण प्रक्रिया, ऑनलाइन बिल्डिंग परमिशन, एसटीपी निर्माण की प्रगति, लीगेसी वेस्ट की अद्यतन स्थिति, भिलाई साडा के भूमि के संबंध में निविदा की प्रक्रिया, टाउन प्लानर की नियुक्ति और पीएमवाय के अंतर्गत निर्मित भवनों के आबंटन जैसे बिंदुओं पर भी चर्चा की गई।