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विश्‍व पर्यटन दिवस पर विशेष:पर्यटन पर कोविड भारी, विदेशी पर्यटक सालभर में 14 हजार से घटकर 50 पर, 120 करोड़ खर्च कर कमाए चार करोड़ ही

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कोविड के दो साल छत्तीसगढ़ के पर्यटन पर अब तक भारी हैं। हालात यह हैं कि पिछले एक साल में पर्यटन पर करीब 120 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ी। गंगरेल जैसे प्रमुख पर्यटन केंद्र को 45 लाख सालाना किराये पर देने के बाद भी कमाई नहीं बढ़ी है।

पड़ताल के अनुसार कोविड के पहले 14 हजार तक पर्यटक आते थे, अब संख्या 50 तक नहीं पहुंच रही है। विदेशी पर्यटकों का मूवमेंट भी बस्तर तक ही सीमित रहता है। बस्तर में आदिवासियाें के बीच आठ से 10 दिन गुजारने के बाद वे वहीं से ओडिशा या विशाखापट्‌टनम निकल जाते हैं। राज्य के अन्य जिलों में उनका मूवमेंट नहीं बढ़ रहा है। राज्य में पर्यटन विभाग के अभी 14 रिसोर्ट राज्य के अलग-अलग जिलों के प्रमुख बांधों के किनारे चल रहे हैं।

इनमें जगदलपुर के चित्रकोट जल प्रपात के पास स्थित रिसोर्ट को छोड़कर किसी में सेंटर में उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं हो रही है। हालांकि कवर्धा का सरोदादार रिसोर्ट, बार नवापारा अभयारण, कुरदर बिलासपुर, सतरेंगा और सतरेंगा बोर्ड क्लब, बाला चापर जशपुर और गंगरेल बांध के रिसोर्ट भी फायदे में चल रहे हैं। गंगरेल बांध को 45 लाख सालाना किराये पर दे दिया गया है। उसी के बाद यहां से कमाई बढ़ी है। उसके पहले तक तो ये सेंटर भी एवरेज ही चल रहा था।

राज्यों में पर्यटन की स्थिति पर एक नजर

  • राजस्थान में 1000 करोड़ का बजट है। यहां देश, विदेश मिलाकर 6 करोड़ पर्यटक आते हैं।
  • गुजरात में पर्यटन विभाग का बजट 456 करोड़ रुपए। यहां हर माह 5 करोड़ सैलानी आते हैं।
  • मध्यप्रदेश में 205 करोड़ का सालाना बजट हैं। यहां 2.5 करोड़ से ज्यादा सैलानी आते हैं।
  • ओडिशा में पर्यटन पर 482 करोड़ खर्च हो रहे हैं। यहां 40 लाख से ज्यादा लोग आते हैं।
  • झारखंड में पर्यटन विभाग का बजट 150 करोड़ है। यहां 30 लाख सैलानी आते हैं।

कोलकाता से सर्वाधिक
यहां के पर्यटन को बढ़ावा देने दिल्ली, गुजरात के अहमदाबाद, मप्र और कोलकाता में सूचना केंद्र स्थापित किए हैं। कोलकाता को छोड़कर बाकी जगहों से बेहद कम टूरिस्ट यहां आ रहे हैं। उनका मूवमेंट भी बस्तर तक ही रहता है। इसकी वजह ट्रेन की सीधी कनेक्टिविटी भी है।

प्रदेश में 16 मोटल घाटे की वजह से बंद करने पड़े
16 रिसोर्ट और हाइवे मोटल अभी बंद हैं। इनमें से 5 किराये पर है। चाड़ीदमा अंबिकापुर, रायगढ़ के लिए टेंडर फायनल हो चुका है। सरगांव बिलासपुर, कोलीपोटा जांजगीर और मानातूता के मोटल व रिसोर्ट के टेंडर जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे। बाकी 11 मोटल व रिसोर्ट को लीज पर दिया जाएगा। विभाग की ओर से हालांकि कोरोना काल के पहले भी इन मोटल व रिसोर्ट को लीज पर देने का प्रयास किया गया था। उस समय केवल 5-6 साल के लिए लीज की मियाद तय की गई थी। इस वजह से कंपनियों ने रुचि नहीं ली। अब लीज की मियाद 30 साल तक बढ़ायी जा रही है। विभाग के जिम्मेदारों का मानना है कि लीज की मियाद बढ़ाने से कंपनियां आगे आएंगी।

विकसित होगा डोंगरगढ़ मंदिर
मां बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ को विश्व पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने प्रसाद योजना में डोंगरगढ़ को शामिल किया है। इसके विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए 43.33 करोड़ स्वीकृत किया है। डोंगरगढ़ में काम शुरू हो गया है।