सरगुजा जिले में इस हफ्ते से 123 स्कूलों को गिराने का काम शुरू हो जाएगा। ये स्कूल बेहद जर्जर हो चुके हैं, जहां कभी भी बच्चे हादसे का शिकार हो सकते हैं, इसलिए ये फैसला किया गया है। जिले में कई स्कूल इतने जर्जर हो चुके हैं कि कहीं शेड के नीचे पढ़ाई हो रही है, तो कहीं पंचायत भवन में। करीब 5 हजार छात्र-छात्राएं इससे प्रभावित हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे ने बताया कि सरगुजा जिले के 123 स्कूलों की हालत ऐसी है कि उसकी मरम्मत भी नहीं की जा सकती। उसे ढहाकर वहां नई बिल्डिंग बनाई जाएगी, जबकि 961 स्कूलों को मरम्मत की तत्काल जरूरत है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने करीब 27 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम खुद सरगुजा के प्रतापपुर से विधायक हैं।
शिक्षकों का भी कहना है कि ये स्कूल इतने जर्जर हो गए हैं कि बरसात में कभी भी गिर सकते हैं, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बर्बाद नहीं हो, इसलिए तात्कालिक व्यवस्था के तहत उन्हें शेड, किचन सेट या फिर पंचायत भवन में पढ़ाया जा रहा है।
जिले के दूरस्थ क्षेत्र के स्कूलों की स्थिति तो बदतर है ही, साथ ही संभाग मुख्यालय का हाल भी बेहद खराब है। अलग-अलग ब्लॉक की बात करें, तो उदयपुर में 11 स्कूल बेहद जर्जर हैं, जिन्हें शिक्षा विभाग गिराने की तैयारी कर रहा है, जबकि यहां 146 स्कूलों की मरम्मत कराई जानी है।