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CM भूपेश पहुंचे वफादार कुत्ते के मंदिर:बालोद में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कुकरदेव मंदिर में की पूजा, क्षेत्र को दी कई सौगातें

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत सोमवार को बालोद जिले के डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। सीएम भूपेश बघेल ने बालोद जिले में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत खपरी स्थित कुकुरदेव मन्दिर में पूजा-अर्चना की। कुकुरदेव मंदिर मानव और पशु प्रेम की अनोखी मिसाल पेश करता है।

यहां एक ऐसे स्वामी भक्त कुत्ते की समाधि है, जो लोकमान्यता के अनुसार अपने मालिक के प्रति आखिरी सांस तक वफादार रहा। मुख्यमंत्री ने कुकुरदेव मन्दिर में पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।मंदिर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण भी किया। उन्होंने मंदिर के पुजारियों को वस्त्र प्रदान किए।

कुकुर देव मंदिर इसलिए है पूजनीय

मनुष्य के गुण उसे देवता बना देते हैं, लेकिन कुकुर देव मंदिर की खासियत है कि यहां दैवीय गुणों ने एक पशु को भी पूजनीय बना दिया। आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्तव्य के प्रतीक बन चुके बेजुबान जानवर की स्मृति में यहां सिर झुकाया।

लोक मान्यताओं के अनुसार, खपरी कभी बंजारों की एक बस्ती थी। यहां एक बंजारे के पास स्वामी भक्त कुत्ता था। बाद में इस क्षेत्र में एक भीषण अकाल पड़ा, जिस वजह से बंजारे को अपना कुत्ता एक मालगुजार को गिरवी रखना पड़ा। मालगुजार के घर एक दिन चोरी हुई और स्वामी भक्त कुत्ता चोरों द्वारा छिपाए धन के स्थान को पहचान कर अपने मालिक को उसी जगह तक ले गया। मालगुजार कुत्ते की वफादारी से प्रभावित हुआ। उसने कुत्ते के गले में उसकी वफादारी की घटना एक पत्र के रूप में बांधकर कुत्ते को मुक्त कर दिया। गले में पत्र बांधे यह कुत्ता जब अपने पुराने मालिक बंजारे के पास पहुंचा, तो उसने यह समझकर कि कुत्ता मालगुजार को छोड़कर यहां वापस आ गया है, गुस्से में उस पर प्रहार किया। जिससे कुत्ते की मौत हो गई।

बाद में बंजारे को पत्र देखकर कुत्ते की स्वामी भक्ति और कर्तव्य परायणता का एहसास हुआ और उसकी स्मृति में कुकुर देव मंदिर स्थल पर उसकी समाधि बनाई। फणी नागवंशीय राजाओं द्वारा 14वीं-15वीं शताब्दी में यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया।

छत्तीसगढ़ में पशुधन संरक्षण आर्थिक मॉडल के रूप में अपनाया गया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं की विरासतों के संरक्षण के प्रति सजग हैं, इसलिए पशुधन संरक्षण को छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया है। गोधन न्याय योजना, गोबर खरीदी और गोमूत्र खरीदी जैसी योजनाएं पशुओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पशुधन संरक्षण को एक आर्थिक मॉडल के रूप में अपनाया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आत्मानंद स्कूल के बच्चों से भी की मुलाकात

सीएम भूपेश बघेल ने ग्राम मालीधोरी में जनचौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान स्वामी आत्मानंद विद्यालय बालोद के छात्र-छात्राओं से भी मुलाकात की। यहां आए बच्चों ने उच्चस्तरीय इंग्लिश मीडियम शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आत्मानंद स्कूल के बच्चों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सवाल छत्तीसगढ़ी भाषा में पूछेंगे और आप मुझे अंग्रेजी में जवाब देंगे। एक छात्र पार्थ शर्मा ने सुविधाओं से जुड़े सवाल पर कहा कि उनके स्कूल में वे सारी सुविधाएं हैं, जो एक अच्छे प्राइवेट स्कूल में होती हैं।