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दो हफ्ते बाद दफ्तरों में रौनक:दफ्तरों में लंबित कार्यों की बढ़ी संख्या; पहले की तरह कामकाज पटरी पर आने में लगेगा हफ्ता भर का समय

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प्रदेश में दो हफ्ते तक चली अधिकारियों -कमर्चारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद सोमवार को कार्यालयों में फिर से रौनक लौट आई। हड़ताल की वजह से न्यायालय, पढ़ाई, ट्रेजरी, आरटीओ, रजिस्ट्री और राजस्व कलेक्शन, प्रमाणपत्र बनाने आदि के कामकाज प्रभावित हुए हैं। इससे दफ्तरों में लंबित कार्यों की संख्या बढ़ गई है। अब इसे निपटाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। माना जा रहा है कि पहले की तरह कामकाज पटरी पर आने में हफ्ता भर लगेगा। राज्य शासन ने विभागों से कहा है कि वे प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का निपटारा करें।

ओवर टाइम काम करके जल्दी खत्म करेंगे काम
प्रदेश में 22 अगस्त से 34 प्रतिशत डीए और सातवें वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता देने की मांग पर करीब सवा चार लाख कर्मचारी हड़ताल पर थे। सरकार के आश्वासन के बाद कर्मचारी-अधिकारी काम पर लौटे। हालांकि मंत्रालय में नियमित रूप से अधिकारी -कर्मचारी ड्यूटी पर आते रहे। इधर, जीएडी सचिव डीडी सिंह का कहना है कि लंबित कार्य लोक सेवा गांरटी अधिनियम के तय शैड्यूल के अनुसार किए जाएंगे। इसके साथ ही प्राथमिकता के आधार पर कार्यों को तरजीह देकर निपटाया जाएगा।

मालूम हो कि हड़ताल खत्म होने के बाद अधिकारियों – कर्मचारियों का मालूम है कि उनका काम उन्हें ही पूरा करना है, इसलिए कई दफ्तरों में शनिवार और रविवार को छुट्‌टी होने के बावजूद कर्मचारी काम करने पहुंचे थे। सिटी मजिस्ट्रेट, भू-अभिलेख कार्यालय, तहसील कार्यालय, ट्रेजरी दफ्तरों में काम होता रहा। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रवक्ता विजय झा ने दावा कि छुटि्टयों के दिन भी देर रात तक कर्मचारियों ने काम किया है। इसके साथ ही अब वे ओवर -टाइम काम करेंगे तभी समय पर फाइलों को निपटाया जा सकेगा।

कोर्ट के काम प्राथमिकता पर
बताया गया कि इनमें कोर्ट से संबंधित मामलों को पहले खंगाला जा रहा है जिनमें अदालत ने शासन से जवाब मांगा है और कंटेम्प्ट होने की आशंका है। ऐसे मामले जिनमें लोगों को राहत देना या पैनाल्टी लगने की संभावना है उन्हें भी प्राथमिकता दी जा रही है। लाइसेंस बनाने, नवीनीकरण, गाड़ियों के फिटनेस टेस्ट, एक्सपाइडेट से संबंधित केस का दोगुना भार यातायात व परिवहन दफ्तरों में है।

एआरटीओ शैलाभ साहू के अनुसार पूरा काम लाइनअप होने में चार -पांच दिन लग सकते हैं। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में ऑनलाइन आवेदन व कंप्यूटराइज सिस्टम होने के कारण जल्दी पेंडेंसी दूर होने की संभावना है। स्कूलों में शिक्षकों को भी ओवर टाइम पढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है। जिससे कोर्स में देरी न हो।