Home छत्तीसगढ़ बेरियर तोड़कर भाग रहा ट्रक पकड़ा गया, अवैध लकड़ियां जब्त

बेरियर तोड़कर भाग रहा ट्रक पकड़ा गया, अवैध लकड़ियां जब्त

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रामानुजगंज (गौरव) ! रघुनाथनगर वन परिक्षेत्र में इमारती लकडियों की कटाई एवं अन्य कीमती लकड़िया काट कर तस्करों द्वारा लम्बे अरसे से बाहर के राज्यों में भेजा जा रहा था इस संबंध में कई बार सामाचार प्रकाशित भी किया गया मगर वन विभाग रघुनाथनगर के द्वारा ईमानदारी से रोकने की कोशिश की गई होती तो खैर के लकड़ी की तस्करी नही होती| क्यों नही पुरे वनक्षेत्र की जाँच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाये| क्योकि लकड़ी की कटाई वनक्षेत्र में हो एवं ट्रक में लादकर उनके क्षेत्र से बाहर निकल जाये क्या वहा तैनात रेंजर रामशरण राम की कार्यप्रणाली संदिग्ध नही माना जायगा| उच्च अधिकारी इस घटना को ही संज्ञान लेकर इनके पदस्थ रहते वनों में हुई सभी तरह की पेड़ो की कटाई का जाँच किया जाना चाहिए | सूत्र बताते है इनके कार्यकाल में कई तरह की अनिमियतता की गई है| और शनिवार की खैर लकड़ी की तस्करी को वन विभाग व पुलिस विभाग द्वारा जब्त करना यही दर्शाता है की बिना मिलीभगत का इतने खैर का पेड़ो का काट कर ट्रक में लाद कर ले जाना मुमकिन ही नही है| ट्रक क्रमांक एचआर 37 डी 9739 में तिरपाल लगाकर खैर पेड़ के लकड़ियों सहित ट्रक केनवारी में वन विभाग के बेरियर को तोड़कर भागा है। इस सूचना पर वन विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने घेराबंदी करते हुए वाड्रफनगर में सड़क को ब्लॉक कर ट्रक को धर दबोचा। इस दौरान वाहन चालक व खलासी फरार हो गए, लेकिन ग्रामीणों की मदद से वन अमले ने उन्हें धर दबोचा। ट्रक को जब्त कर वाहन चालक हरियाणा के सोनीपत निवासी रिंकू व खलासी बैरूखेड़ा निवासी दीपक से पूछताछ की जा रही है। ट्रक चालक व खलासी द्वारा बिना अनुमति के ही लकड़ियों का परिवहन कर रहे थे । दस्तावेजों की जांच में किसी प्रकार की अनुमति नहीं मिली है। वन अमले द्वारा ट्रक व चालक, खलासी पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में रेंजर प्रेमचंद मिश्रा सहित वन अमला व पुलिस अमला शामिल रहा।

रेंजर की भूमिका संदिग्ध – बिना कोई कागजात के ट्रक में खैर की लकड़ी वनक्षेत्र से निकलना यह बताता है की रेंजर रघुनाथनगर अपनी डयूटी सही तरीके से नही कर रहे है | कोई एक ही दिन में इतनी सारे पेड़ तो कटे नही होंगे जाहिर है कई दिन लगे होंगे तो अमला कहा सो रहा था | रेंजर साहब क्या कर रहे थे| इतनी तादाद में पेड़ कट जाये और वन विभाग को पता न चले तो रेंजर की भूमिका संदिग्ध मानी ही जायगी |