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छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश-तेंलगाना अब भी कटे:हाईवे पर 4 फीट पानी, ‘शबरी’ हटी, घरों में सांप-कीड़े छोड़ गई; दुर्ग में स्कूल, कांकेर में मकान गिरा

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छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में अब बाढ़ से राहत मिलती दिखाई दे रही है। दो दिनों से बारिश बंद होने के चलते सुकमा के कोंटा शहर से अब शबरी नदी पीछे हटने लगी है। घरों में अब वह कीचड़ के साथ सांप-कीड़े और मकौड़े छोड़ गई है। प्रदेश के अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी है। दुर्ग में लगातार हो रही बारिश के चलते मंगलवार सुबह एक स्कूल की इमारत गिर गई। गनीमत रही किसी बच्चे को चोट नहीं आई। कांकेर में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई।

महाराष्ट्र के बाद तेलंगाना में हुई भीषण बारिश और बाढ़ के चलते गोदावरी नदी उफान पर थी। साल 1986 के बाद अब ऐसे हालत बने थे। तेलंगाना के भद्रचलम में गोदावरी का जल स्तर 71.70 फीट पर पहुंच गया, जिसने छत्तीसगढ़ के कोंटा को भी अपनी चपेट में ले लिया। शबरी नदी का बैक वाटर कोंटा में घुसा तो एक तिहाई शहर डूब गया। अब मंगलवार को डु़बान क्षेत्रों से बहुत हद तक पानी निकल गया है। सिर्फ नयापारा में आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर ही पानी मौजूद है।

देर शाम तक हाईवे शुरू होने का अनुमान
कोंटा से होकर जाने वाले हाईवे अभी डूबे हुए हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बार्डर पर अभी भी 5 से 6 फीट पानी है। इसके चलते वाहनों की आवाजाही पिछले 6 दिनों से बंद है। अनुमान लगाया जा रहा है कि शाम तक ये पानी सड़क से हट जाएगा। पहले इसके सोमवार देर रात तक हटने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दूसरी ओर कोंटा से जिला मुख्यालय और अन्य जगहों की ओर जाने वाली सड़कें भी बहाली की ओर हैं। इनके भी शाम तक शुरू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है।