सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दो नए जज की नियुक्ति के लिए हरी झंडी दे दी है। इसमें बार कोटे से एक और बेंच कोटे से एक नाम पर मुहर लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति से अनुशंसा की है। खास बात ये है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब बार एसोसिएशन के किसी पूर्व पदाधिकारी को जज बनने का मौका मिला है। इससे पहले जस्टिस प्रशांत मिश्रा स्टेट बार काउंसिल के चेयरमेन रहते हुए जज बने थे।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने बार और बेंच कोटे से अधिवक्ताओं के साथ ही ज्यूडिशियल ऑफिसर के नाम जज की नियुक्ति के लिए भेजे थे। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्होंने कितने वकील और ज्यूडिशियल ऑफिसर की अनुशंसा की थी। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई समेत तीन वरिष्ठ जस्टिस के कॉलेजियम ने हाईकोर्ट से भेजे गए सात नाम में से चार की नियुक्ति की अनुशंसा की है। बताया जा रहा है कि बार कोटे से सीनियर एडवोकेट शर्मिला सिंघई, बीडी गुरु, राजकुमार गुप्ता और अनुराग दयाल श्रीवास्तव का नाम था।
हाईकोर्ट की अनुशंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने फिलहाल दो नाम को फाइनल किया है, जिसमें बेंच कोटे से बिलासपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राधाकृष्ण अग्रवाल और बार कोटे से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राकेश मोहन पांडेय के नाम पर मुहर लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जजों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति से अनुशंसा की है, जहां से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार की ओर से नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। दो नए जज मिलने के बाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या फिर से 14 हो जाएगी।
स्वीकृत है 22 पद, अब तक 20 भी नहीं पहुंची है जजों की संख्या
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जजों के 22 पद स्वीकृत हैं, लेकिन, यहां 22 जजों के बैठने की व्यवस्था नहीं है। इधर, हाईकोर्ट में अब तक जजों की संख्या 20 भी नहीं पहुंची है। चार साल पहले यहां जजों की कुल संख्या 16 तक पहुंच पाई थी, जो अभी तक कि सर्वाधिक संख्या थी।
बीते माह रिटायर्ड हुए थे दो जज
हाईकोर्ट में ज्यूडिशियल कोटे से जज बनाए गए जस्टिस आरसीएस सामंत और जस्टिस गौतम चौरड़िया बीते जून माह में ही रिटायर हुए हैं। उनके रिटायर होने के बाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या घटकर 12 हो गई थी