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रघुनाथनगर और पाली वन परिक्षेत्र में पारितंत्र सेवा सुधार परियोजना के अंतर्गत वन संरक्षण हेतु उन्नत चूल्हों का वितरण

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रघुनाथनगर! विश्व बैंक के द्वारा वित्त पोषित परियोजना पारितंत्र सेवा सुधार परियोजना ,भारतीय वानिकी अनुसंधान व शिक्षा परिषद् देहरादून के द्वारा छत्तीसगढ़ के 4 वन परिक्षेत्र पाली, मरवाही रघुनाथनगर और पंडरिया के सुदूर वनांचल के  ग्रामों में संचालित है। वनों अंधाधुंध कटाई रोकने तथा वन संरक्षण हेतु चयनित रघुनाथनगर वन परिक्षेत्र  के 7 गांवों जिसमें रघुनाथनगर, रमेशपुर, शंकरपुर, केसारी, गिरवानी, बभनी और नवगई   और पाली के 2 गांव हरदीकछार और दुमदुमी में उन्नत चूल्हा का दिनांक 19 जून से  23 जून तक 2330 हितग्राहियों को वितरण किया गया। पारितंत्र सेवाएं सुधार परियोजना के मानकों अनुरूप चयनित हितग्राहियों को उक्त परियोजना निदेशक श्रीमती कंचन देवी(आईएफएस) के कुशल निर्देशन और परियोजना प्रबंधक डॉ. आर.एस. रावत के मार्गदर्शन से सलाहकार श्री एनपीएस नैन, श्री राघवेन्द्र बिसेन और श्री देवेन्द्र कुर्रे के द्वारा वितरण किया गया आईसीएफआरई की सहयोगी वाटर संस्था के स्टाफ श्री राजेश कुमार,परमेश्वर साहू और लोचन दास बंजारे तथा जमीनी स्तर के कर्मचारी का सहयोग रहा। संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंचों, पंच एवं जनप्रतिनिधियों की सहयोग से उन्नत चूल्हा का वितरण सफलता पूर्वक किया गया। उन्नत चूल्हा के माध्यम से पारितंत्र की सेवाओं में सुधार हो सकेगी भारतीय वानिकी अनुसंधान व शिक्षा परिषद के परामर्शदाता श्री एनपीएस नैन ने अवगत कराया कि यह उन्नत चूल्हा स्टोव की तुलना में लकड़ी की 60% कम खपत एवं 3 गुना अधिक कुशल है। इस तकनीक से 50 से 60% इंधन (जलाऊ लकड़ी) को बचाया जा सकेगा। इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्बन मोनोऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी कर धुवां की उत्सर्जन में कमी करती है। यह तकनीक के माध्यम से वैश्विक तापक्रम में कमी हो सकेगी साथ ही पर्यावरण के संवर्धन में सहयोग होगा। यह चूल्हा अन्य पारंपरिक चूल्हा के द्वारा होने वाले हानिकारक स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों को भी रोकने में मददगार साबित होगी। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् देहरादून के तरफ से वर्तमान तक छत्तीसगढ़ के चार वन परिक्षेत्र में 4736 हितग्राहियों को उन्नत चूल्हा का वितरण किया जा चुका है। ग्रामीण महिलाओं ने उन्नत चूल्हे में उत्साह पूर्वक रुचि दिखाते हुए यह बताया कि यह पारंपरिक चूल्हे से बहुत ही सुविधाजनक है इसमें कम लकड़ी में ही जल्दी लाना पक जाता है और धुवां भी बहुत कम आता है एवं हमारा समय की भी बचत होती है।

उन्नत चूल्हा का वितरण