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तालाब गहरीकरण के नाम पर दो लाख 40 हजार गबन, कार्यस्थल से बोर्ड भी हटाया गया, मामला ग्राम पंचायत बिशुनपुर का

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रामानुजगंज ! लोकहित के लिए सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजना का पलीता कैसे लगाया जाता है इसकी मिसाल ग्रामपंचायत बिशुनपुर के आबादी ग्राम में देखा जा सकता है. तालाब गहरीकरण के लिए दी गयी राशी से मनरेगा के तहत कार्य कराना था जिसे मजदूरो से कराया जाना था मगर सरपंच व सचिव की दबंगई के कारण वहां के निवासियों के अनुसार जेसीबी से गहरीकरण का कार्य कराकर पूरी राशी निकल ली गयी.बलरामपुर जिले के जनपद पंचायत रामचंद्रपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बिशुनपुर के आश्रित ग्राम आबादी में सचिव सरपंच के द्वारा तालाब गहरीकरण के नाम पर लाखों की राशि गबन करने का आरोप लगा है, जानकारी के मुताबिक ग्राम अवादी में 15 वॉ वित्त योजना के तहत, झूना सिंह के घर के पास पूर्व में निर्मित तालाब के गहरीकरण की स्वीकृति ली गई, जिसमें ₹240000 की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका एजेंसी ग्राम पंचायत को नियुक्त किया गया, ग्रामीणों के अनुसार उक्त तालाब में सचिव शेष नाथ दुबे एवं सरपंच पति नरेश सिंह के द्वारा मात्र 1 दिन ही जेसीबी से गहरीकरण का काम किया गया, और ₹240000 गबन किया गया. उक्त मामले की शिकायत ग्रामीणों के द्वारा जनपद पंचायत सीईओ, रामचंद्रपुर,अनुविभागीय दंडाधिकारी रामानुजगंज, एवं कलेक्टर बलरामपुर से करने की तैयारी है. अभी भी पूरे तालाब में कार्य कराए जाने की आवश्यकता थी. जानकारी के अनुसार गबन करने के लिए कार्यस्थल पर कार योजना की जानकारी की बोर्ड लगाई ही नहीं गई है, पलाई में बने बोर्ड पर लिखवा कर  फोटो खींचकर वहां से हटा दिया गया.