रामानुजगंज ! सरकार बच्चो को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के नाम पर आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोल रही है जिसके पहले चरण में प्रत्येक विकासखंड में एक अंग्रेजी माध्यम आत्मानंद विद्यालय खोला गया था सरकार द्वारा इस प्रयोग को सफल मानते हुए अब हिंदी माध्यम के आत्मानंद विद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है जो इस सत्र से संचालित भी होने लगेगा। सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को सुधारने का अत्याधिक प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में रामानुजगंज में भी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया जिसमे कक्षा एक से बारहवीं तक के बच्चो को अध्यापन कार्य कराया जाता है इस विद्यालय में सभी शिक्षक व कार्यालयीन स्टाफ संविदा पर रखे गए है। इससे पूर्व रामानुजगंज में दो शासकीय उच्चतर माध्यम विद्यालय बालक शाला एवं कन्या शाला संचालित हैं दोनों विद्यालयों में गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के पृथक-पृथक लगभग 600 से 700 बच्चे अध्यनरत है। दोनों विद्यालय के भवन पुराने होने के कारण दोनों विद्यालयों के लिए नए भवन का निर्माण कराया गया बालक शाला के भवन का निर्माण बगल में ही किया गया जबकि कन्या शाला के भवन का निर्माण वार्ड 13 में किया गया है। कन्या शाला के लिए बने भवन में ही आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का संचालन किया जा रहा है तथा कन्या शाला का संचालन पुराने भवन को नया कलेवर देकर उसी भवन में संचालित किया जा रहा है। आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने के लिए कन्या एवं बालक प्राथमिक शाला रामानुजगंज तथा बालक मध्यमिक शाला रामानुजगंज को बंद कर दिया गया है। इन विद्यालयों के बंद होने से इस इलाके के बच्चो को या तो निजी विद्यालयों का रुख करना पड़ रहा है या तो वे इन इलाको से दूर के विद्यालय बुद्धटोला, जेलपारा, जलकेश्वरपारा, कोइरीटोला या पॉवर हाउस विद्यालय का रुख करना पड़ रहा है जिसके लिए भीड़भाड़ वाले इलाको से बच्चो को आना-जाना करना पड़ता है। अब ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है की रामानुजगंज के ह्रदय स्थल में स्तिथ कन्या माध्यमिक शाला और कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला को भी आत्मानंद के नाम पर बंद कर दिया जायेगा जिससे इन विद्यालयों में पढने वाले 600 से 700 बालिकाओं के साथ ही जो इस विद्यालय में नाम लिखवाना चाहते है या ग्रामीण इलाको से आकर अध्यापन करना चाहते है उनके लिए एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी क्योंकि रामानुजगंज इलाके का एकमात्र कन्या विद्यालय के अलावा बालिकाओ के अध्ययन के कोई भी शासकीय संस्था नगर में नहीं बचेगी। वैसे भी आत्मानंद में अंग्रेजी माध्यम में अध्यापन कार्य कराया जाता है तथा दाखिले के लिए ऑनलाइन व ऑफ़लाइन आवेदन करने के बाद निर्धारित शर्तो को पूरा करने पर लॉटरी के माध्यम से दाखिला होता है तथा इसमें छात्रों के संख्या भी सीमित है।
क्या आत्मानंद के नाम पर विद्यालयों को बंद करना उचित? – आत्मानंद विद्यालय के संचालन के नाम पर रामानुजगंज के कन्या एवं बालक प्राथमिक शाला रामानुजगंज तथा बालक मध्यमिक शाला रामानुजगंज को बंद कर दिया गया है। जिससे इन इलाको के बच्चो को समस्या का सामना करना पड़ रहा है अगर कन्या माध्यमिक शाला और कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला को भी बंद कर दिया जायेगा तो रामानुजगंज एवं आसपास के गाँव के बालिकाओं की शिक्षा भी प्रभावित होगी क्योंकि ये एकमात्र शासकीय विद्यालय है जहाँ बालिकाए अध्ययन कर सकती है।
कन्या विद्यालय रामानुजगंज के यु-डाइस का प्रयोग आत्मानंद में किया जा रहा है– जब आत्मानंद विद्यालय खोला गया था उस समय वो कन्या विद्यालय रामानुजगंज के अधीन ही था जिस कारण आत्मानंद विद्यालय में कन्या विद्यालय के यु-डाइस का प्रयोग किया जा रहा है। अब जब आत्मानंद का संचालन समिति के माध्यम से किया जा रहा है तो कन्या रामानुजगंज के पास यु-डाइस कोड की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है। अब प्रश्न यह है कि आत्मानंद विद्यालय को अलग से यु-डाइस कोड क्यों प्रदान नही किया गया। क्या यह कन्या विद्यालय रामानुजगंज को बंद करने का प्रारभिक चरण है?
कन्या विद्यालय का आहरण वितरण अधिकार छिना गया– कन्या शाला रामानुजगंज का आहरण-सवितरण अधिकार इस वर्ष निरस्त कर दिया गया है जिससे यह पदस्थ शिक्षकों के वेतन की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है तथा आहरण-सवितरण अधिकार छिनने के करना विद्यालय को बंद करने की भी आशंका जताई जा रही है।
कन्या विद्यालय के शिक्षकों का भविष्य अधर में– विद्यालय के बंद हो जाने का सीधा असर रामानुजगंज एवं आसपास के बालिका छात्राओं के साथ-साथ इस विद्यालय के शिक्षक व कार्यालयीन स्टाफ़ पर भी पड़ेगा जिन्हें किसी और विद्यालय में पदस्थ किया जा सकता है।

दाखिले के लिए लाटरी पद्धति कितना सही?– आत्मानंद विद्यालय में दाखिले के लिए लाटरी पद्धति का सहारा लिया जाता है जिसके कारण कई बार टैलेंटेड व गरीब वर्ग के बच्चे दाखिले से वंचित हो जाते है क्योंकि सीमित सीट होने के कारण सभी बच्चो का दाखिला देना संभव ही नहीं है। वर्तमान में अध्ययनरत बालिकाओ का क्या होगा– यदि कन्या विद्यालय को बंद कर दिया जाता है तो वर्तमान में अध्यनरत बालिकाओं का क्या होगा क्यूंकि नगर में निजी विद्यालयों के अलावा ऐसा कोई भी विद्यालय नहीं है जहाँ ये अध्ययन कर सकती है। सूत्र बताते है की अगर यह कन्या विद्यालय बंद होने की स्तिथि में आती है तो कन्या विद्यालय की छात्राओं को को-एजुकेशन के तहत बालक विद्यालय में दाखिला दिला दिया जायेगा। ज्ञात हो की 1988 में उच्चतर माध्यमिक शाला में से बालक एवं बालिका विद्यालय को अलग-अलग कर दिया गया था।