Home छत्तीसगढ़ मजदूरों की मजदूरी पर रोटी सेकते प्रबंधक

मजदूरों की मजदूरी पर रोटी सेकते प्रबंधक

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रामानुजगंज-रघुनाथनगर ! रघुनाथ नगर वन परिक्षेत्र के रघुनाथ नगर समिति के धौरा ग्राम के कौवहा पानी तेंदूपत्ता फंड में पंडो आदिवासी समाज के मजदूर जिनसे मजदूरी तो पूरा कराया जा रहा था लेकिन उनकी पूरी मजदूरी नहीं दी जा रही थी वहां के फड़ अभीरक्षक द्वारा चंद पैसे के लालच में आकर गुडरू समिति के मजदूर से ढाई सौ तीन सौ के रेट से तेंदूपत्ता गड्डी की तुडाई कराई जा रही थी जबकि तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य 2 दिनों से वहां के तेंदूपत्ता फड़ बंद थे इसके बाद भी चोरी चोरी चंद पैसों के लालच में आकर तेंदुपत्ता खरीदी करवाया जा रहा था। शासन का तेंदूपत्ता प्रति सैकड़ा का रेट 400 है लेकिन यहां का तेंदूपत्ता फड़ का संचालन कर रहे प्रबंधक, अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा 250 से ₹300 प्रति सैकड़ा गड्डी खरीदी की जा रही थी यहां तक की तेंदूपत्ता के मजदूर तेंदूपत्ता बेचने आए तो 300 के स्थान पर ढाई सौ रुपए प्रति सैकड़ा गड्डी दिया जा रहा था कुछ मजदूरों को तो पैसा तक नहीं मिला क्या वजह था कि तेंदूपत्ता गड्डी की तुडाई का कार्य 2 दिन पूर्व से बंद होने के बावजूद भी फड अभीरक्षक किसके कहने पर ऐसा अवैध कार्य कर रहा था। आखिर इसका संरक्षण देने वाला कौन है? समिति प्रबंधक पोषक अधिकारी या वन परिक्षेत्र अधिकारी कोई तो है जो इस अवैध तेंदूपत्ता तुडाई कार्य में फंड अभीरक्षक का सहयोग कर रहा था शासन को चाहिए कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कार्यों की जांच हो और दोषी पाए जाने पर इन्हें तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए जो कि इन गरीब आदिवासी पंडो समाज के लोगों का शोषण कर रहे हैं। एक तरफ उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लगे बभनी वन परिक्षेत्र का बेरियर जहां पर वन विभाग के कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात हैं दूसरी और वन विभाग का चौकीदार ही चंद पैसों के लालच में उत्तर प्रदेश से आ रहे अवैध तेंदूपत्ता को पार कराता है। शासन को इस बात की जांच करानी चाहिए की एक परिवार में कितने सदस्य हैं और एक सदस्य कितने तेंदूपत्ता गड्डी की तुडाई कर सकता है एक दिन में।  रघुनाथ नगर समिति के रघुनाथनगर फंड अ मे तेंदूपत्ता का 50 प्रतिशत गड्डी उत्तर प्रदेश से लॉकर बिक्री की गई है इसकी जांच होनी चाहिए कि एक व्यक्ति कैसे 5000 से 10000 तेंदूपत्ता गड्डी की तुडाई कर सकता है। वैसे यह मामला बहुत से फड़ो का है लेकिन रघुनाथनगर के फंड अ में तेंदूपत्ता की अवैध गड्डी लगभग लाखों में खपाया जा चुका है। इसका जिम्मेदार कौन है? पिछले साल भी रघुनाथनगर के फंड में इस तरह के कार्य किए जा चुके हैं। अगर कोई इस अवैध तेंदूपत्ता गड्डी खरीदी बिक्री का आवाज उठाता है या वीडियो बनाता है तो उस पर तेंदूपत्ता खरीदी करने वाले बिचौलिया यहां तक की वन विभाग के कर्मचारी मारपीट करने लगते हैं। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश बॉर्डर का एक वीडियो वायरल हुआ तो आवाज उठाने वाले पत्रिका न्यूज़ रिपोर्टर के साथ मारपीट भी हो गई जिसका रिपोर्ट रघुनाथ नगर थाने में हुई है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बावजूद भी उच्च अधिकारियों की नजर इस पर नहीं पड़ती इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए।