Home छत्तीसगढ़ पत्रकार के साथ मारपीट, मोबाइल भी लुटा, मामला रघुनाथनगर का

पत्रकार के साथ मारपीट, मोबाइल भी लुटा, मामला रघुनाथनगर का

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रघुनाथनगर (चंद्रकांत) ! रघुनाथनगर में कई जगहों पर तेंदूपत्ता खरीदी के लिए फड़ बनाया गया है जहाँ पर ग्रामीणों द्वारा तेंदुपत्ता तोड़ने के बाद बेचने के लिए लाया जाता है। शासन द्वारा तेंदुपत्ता का दर 400 रुपए प्रति सैकड़ा गड्डी निर्धारित है। इसकी खरीदी वन विभाग के निगरानी में की जाती है परन्तु कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ से सटे राज्यों (उत्तरप्रदेश, झारखण्ड) से तेंदुपत्ता लाकर सीमावर्ती फड़ों में खपाने का प्रयास किया जा रहा है। पत्रिका के स्थानीय पत्रकार राजेश कुमार देवांगन को सूत्रों से मिली सुचना पर वो बभनी फड़ में अवैध पत्ता खरीदी की सुचना डीएफओ बलरामपुर को विडियो बनाकर उनके मोबाइल नंबर पर भेजा जिसके बाद में डीएफओ बलरामपुर ने रघुनाथनगर रेंजर को कार्यवाही करने का निर्देश दिया। रेंजर द्वारा अवैध तेंदुपत्ता गड्डी को जब्त कर रेंज ऑफिस रघुनाथनगर ले आये। राजेश कुमार के अनुसार इस अवैध तेंदुपत्ता गड्डी के मालिक धर्मेन्द्र प्रजापति एवं काँती  प्रजापति थे तेंदुपत्ता गड्डी लगभग 5 से 6 हजार बताई जाती है। इस कार्यवाही से नाराज धर्मेन्द्र प्रजापति व अन्य पत्रकार से रंजिस रखने लगे और धमकी देने लगे। दिनांक 15-05-2022 को मिली सुचना पर राजेश अपने साथी सोनू जायसवाल के साथ बभनी बैरियर पर रिपोर्टिंग करने पहुंचे वहाँ पहले से ही घात लगाये धर्मेन्द्र प्रजापति एवं तीन अन्य लोग जिसमे बैरियर पर वन विभाग का चौकीदार भी शामिल है ने पत्रकार के साथ मारपीट किये जिससे राजेश के बायें हाथ एवं शरीर पर कई चोटे भी आई। उन लोगो ने राजेश का मोबाइल भी लुट लिया और गाड़ी को आग लगाने की कोशिश की किसी तरह जान बचाकर चरचरी गाँव के रास्ते वापस रघुनाथनगर आ गया। सुबह 16-05-2022 को थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए आवेदन थाना प्रभारी को दिया। इसके बाद 16 तारीख को ही श्रीमान पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को भी लिखित आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही करने का निवेदन किया।

राजेश देवांगन, पत्रिका रिपोर्टर– आवेदन दिया हूँ 22-05-2022 शाम 5 बजे तक रघुनाथनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया है। पूछने पर कहते है जाँच चल रही है जबकि मेरे से लुटा गया मेरा मोबाइल रघुनाथनगर थानेदार द्वारा सुपुर्दगी में मुझे दिया गया है। जब एक न्यूज़ रिपोर्टर के साथ इस तरह की घटना होने एवं जानकारी देने के बाद भी अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही है तो आम जनता के साथ क्या होता होगा?