प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ईडी की टीम ने पीएफआई की राजनीतिक विंग SDPI से जुड़े सदस्य अब्दुल रज्जाक बीपी (Abdul Razzaq BP) को गिरफ्तार किया है. उस पर पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्था के लिए विदेश से फंड जुटाने (raising funds from abroad) का आरोप है. इस पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर देशविरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था. ईडी को हाथरस में दलित युवती के साथ दुष्कर्म और मौत के मामले की जांच के दौरान इसके बारे में पता चला था. अब्दुल को केरल के कालीकट हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया. वह देश छोड़कर भागने की फिराक में था.
उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में साल 2020 में एक दलित लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ था, बाद में उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में पीएफआई का नाम आया था. छानबीन के दौरान यूपी पुलिस (UP police) ने पीएफआई की राजनीतिक विंग एसडीपीआई से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और शफिक पायथ, अब्दुल रज्जाक, अशरफ एमके उर्फ तमर अशरफ उर्फ अशरफ खादर और मुन्नार विला प्रोजेक्ट के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान ईडी को कई ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चला कि पीएफआई किस तरह अपनी देशविरोधी गतिविधियां चलाने के लिए कथित तौर पर विदेश से पैसा जुटा रही है. केंद्रीय एजेंसी को अबू धाबी में कई बार और रेस्टोरेंट खरीदने की बात भी पता चली थी. इसके माध्यम से लाखों-करोड़ों रुपये अर्जित किए जाने का आरोप है.
इस पूरे मामले में अब्दुल रज्जाक की भूमिका बेहद संदिग्ध पाई गई थी. अब्दुल केरल के मल्लापुरम (Mallapuram) में पीएफआई की पेरुमपोड़ाप्पू (Perumpodappu) यूनिट का डिवीजनल प्रेसिडेंट है. पिछले कुछ सालों के दौरान उसका विदेशों में अक्सर आना-जाना लगा रहा है. छानबीन के बाद अब्दुल रज्जाक के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी कर दिया गया था.
हाल ही में ईडी को जानकारी मिली थी कि अब्दुल रज्जाक विदेश भागने की फिराक में है. सूचना पर ईडी की टीम केरल की कालीकट पहुंच गई. जैसे ही अब्दुल रज्जाक कालीकट एयरपोर्ट (Calicut airport) आया, उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अब्दुल को लखनऊ लाकर ईडी की विशेष PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाकर पूछताछ की जा रही है.