अरे..इस पार्टी के उम्मीदवार की तो जमानत ही जब्त हो गई, जीत का दावा करने वाला यह प्रत्याशी तो जमानत ही नहीं बचा पाया. फलां पार्टी को बहुमत के लिए इतनी सीटों की जरूरत है. चुनाव नतीजों (Election Result) के दौरान इस तरह की बातें सुनने को मिलती है. कल यानि 10 मार्च को भी इस तरह के सवाल टीवी और लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहेंगे. दरसअल गुरुवार को यूपी समेत 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Election) के लिए मतगणना है. इस दौरान राजनीतिक दलों समेत उनके प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हो जाएगा.
आइये जानते हैं कि चुनाव में जमानत का जब्त होना, बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा और त्रिशंकु विधानसभा जैसे शब्दों का क्या मतलब हैं. क्योंकि गुरुवार को पूरे दिन विधानसभा के नतीजों के दौरान इन शब्दों की चर्चा सुनने को मिलेगी.
चुनाव में जमानत का जब्त होने क्या मतलब?
हर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को एक तय रकम चुनाव आयोग में जमा करानी पड़ती है, इसे ही जमानत राशि कहते हैं. अगर कोई प्रत्याशी तय मत हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है. हर चुनाव में जमानत राशि अलग-अलग होती है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जमानत राशि का उल्लेख रिप्रेंजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट, 1951 में किया गया है. लोकसभा चुनाव में यह राशि 25 हजार और विधानसभा चुनाव में 19 हजार होती है. हालांकि सामान्य और एससी-एसटी वर्ग के लिए जमानत राशि अलग-अलग होती है.
जनप्रतिनिधत्व कानून 1951 में यह बताया गया है कि किसी स्थिति में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की जमानत जब्त हो जाती है. नियम अनुसार, अगर किसी उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र में कुल विधिमान्य मतों की संख्या के छठे भाग या 1/6 से कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है.
मान लीजिये, अगर किसी विधानसभा सीट पर 1 लाख वोट पड़े तो, जमानत बचाने के लिए हर उम्मीदवार को 16,666 से ज्यादा मत पाने होंगे. जो कई प्रत्याशी इससे कम वोट पाता है तो चुनाव आयोग द्वारा उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है. यानि जो राशि उम्मीदवार नामांकन के समय जमा कराता है उसे वापस नहीं मिलती है.
कब हासिल होता है बहुमत?
लोकसभा या विधानसभा चुनाव में जब किसी पार्टी या गठबंधन को उस सदन की कुल सीट में से आधी से ज्यादा सीट पर जीत मिल जाती है तो उसे बहुमत हासिल करना कहते हैं. उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीट हैं और यहां बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी दल को 202 सीट की जरूरत होगी.