विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) ने फरवरी में भारतीय बाजारों से 35,506 करोड़ रुपये की निकासी की है. यह लगातार पांचवां महीना है जबकि एफपीआई (FPI) भारतीय बाजार में बिकवाल रहे हैं.
अक्टूबर, 2021 से लगातार भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं FPI
एफपीआई अक्टूबर, 2021 से लगातार भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं. फरवरी, 2022 में एफपीआई की निकासी मार्च, 2020 के बाद सबसे ऊंची रही है. उस समय एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 1,18,203 करोड़ रुपये निकाले थे.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 1 से 25 फरवरी के दौरान इक्विटी से 31,158 करोड़ रुपये और डेट सेगमेंट से 4,467 करोड़ रुपये निकाले हैं. इस दौरान उन्होंने हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स में 120 करोड़ रुपये डाले हैं.
रूस-यूक्रेन तनाव की वजह से सतर्कता का रुख अपना रहे हैं FPI
मार्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा प्रोत्साहन उपायों को वापस लेने और देर-सवेर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद से एफपीआई की निकासी तेज हुई है. इसके अलावा रूस-यूक्रेन तनाव की वजह से भी एफपीआई सतर्कता का रुख अपना रहे हैं और भारत जैसे उभरते बाजारों से दूरी बना रहे हैं.’’
आगे और निकासी कर सकते हैं FPI
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि एफपीआई का रुख डॉलर के मुकाबले रुपये के रुख, कच्चे तेल की कीमतों, अमेरिका में बांड पर प्रतिफल से तय होता. अमेरिका में 10 साल के बांड पर रिटर्न बढ़ने पर एफपीआई बांड बाजार में निवेश को तरजीह देते हैं. फिलहाल ये सभी चीजें एफपीआई को प्रभावित कर रही हैं. ऐसे में एफपीआई आगे और निकासी कर सकते हैं