कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने महज दो महीने के अंदर दुनियाभर में करोड़ों लोगों को संक्रमित कर दिया. अब इसका सब वेरिएंट सामने आया है. जिसके लक्षणों को पहचानकर कर इसकी पुष्टि करना बेहद मुश्किल है. हालांकि आमतौर पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामान्य लक्षण सर्दी और जुकाम है जिससे व्यक्ति कुछ दिन के अंदर ठीक हो जाता है. लेकिन इस सब वेरिएंट (Sub Variant) का असर पेट की आंतों पर पड़ता है.
ब्रिटेन स्थित टैब्लॉइड ने ZOE कोविड लक्षण अध्ययन से जुड़े प्रमुख प्रोफेसर के हवाले से कहा, जिन्होंने ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट के मामले में आंत में होने वाले लक्षणों को अनुभव करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि यह वायरस नाक के बजाय आंत को प्रभावित करता है इसलिए अधिकांश मामलों में श्वसन संबंधी समस्याओं के बजाय पेट की समस्या होती है. इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है और लोग कोविड टेस्ट के लिए नहीं जाते हैं.
आंत को नुकसान पहुंचाता है वायरस
न सिर्फ ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट से जुड़े मामलों में बल्कि अन्य वेरिएंट्स के मामले में भी लोगों को आंत से संबंधित समस्याओं का अनुभव हुआ है. हालांकि फर्क सिर्फ इतना है कि इस नए सब-वेरिएंट के साथ यह समस्या मुख्य रूप से है. इसमें आंत से संबंधित 6 आम लक्षण मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, पेट में जलन, सूजन शामिल हैं.
ZOE COVID-19 अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता के अनुसार, यह अब पूरी तरह से साबित हो चुका है कि वायरस मुंह या नाक में प्रवेश करता है और श्वसन प्रणाली या फेफड़ों में म्यूटेशन करना शुरू कर देता है. लेकिन कुछ मामलों में यह आंत में पहुंच जाता है और इससे लंबे समय तक COVID-19 का प्रभाव रह सकता है. स्वैब टेस्ट में वायरस का पता नहीं लगाया जा सकता है