दुर्ग जिले की सुपेला पुलिस ने सात साल पहले चोरी के मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने 80 ग्राम सोने के आभूषणों के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस वारदात को चोरी की शिकायत करने वाले के बेटे मनोज चौधरी और उसके भांजे ने साथ मिलकर चोरी की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मामले का खुलासा करते हुए एएसपी सिटी संजय ध्रुव ने बताया कि 7 साल पहले साल 2015 में शिवलखन चौधरी निवासी चिंगरी पारा ने सुपेला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसके मकान से किसी ने 20 तोला सोने के जेवरात चोरी कर लिए हैं। उसने बताया कि वह नए मकान में शिफ्ट हो रहा था। नए मकान में शिफ्टिंग के दौरान पुराने घर में रखी तिजोरी से सोने-चांदी के जेवरात चोरी हो गए हैं। चोरी के दूसरे दिन प्रार्थी के घर के बाहर चोरी किये हुए चांदी के जेवरात बिखरे मिले थे। लेकिन तिजौरी में रखे लगभग 20 तोला सोने के जेवरात नहीं मिले। पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू की तो उसे शिवलखन के भांजे भूपेंद्र चौधरी पर संदेह हुआ। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने चोरी की घटना को घटित करना स्वीकार किया। भूपेन्द्र चौधरी ने बताया कि अकेले नहीं बल्कि मनोज चौधरी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है।
जेवरात चोरी करने के बाद भांजे और बेटे ने बांटा
चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी भूपेन्द्र व मनोज चौधरी ने चोरी के जेवरात को आपस में बांट लिया था। इसके बाद उन्होंने 110 ग्राम सोना आईआईएफएल गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रख दिया। इसके बाद 1 किलो चांदी के जेवरात को खपाने के लिए ग्राहक खोज रहे थे। पुलिस ने आईआईएफएल से गिरवी सोने के जेवरात को जब्त कर लिया है।
आईआईएफएल कंपनी के खिलाफ भी होगी जांच
आईआईएफएल गोल्ड लोन कंपनी के कर्मचारियों ने बिना दस्तावेज चोरी का सोना कैसे गिरवी में रख लिया। इस बात की जांच पुलिस करेगी। पुलिस पहले नोटिस देकर कंपनी से जवाब मांगेगी। इसके बाद संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।