पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) से जमानत मिलने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व विपक्षी नेता व भुल्थ से कांग्रेस प्रत्याशी (Congress candidate) सुखपाल सिंह खैहरा (Sukhpal Singh Khehra) शुक्रवार को 78 दिन बाद पटियाला जेल से रिहा हो गए. वह अपना नामांकन पत्र 31 जनवरी को भरेंगे. खेहरा को 11 नवंबर को मनी लांड्रिंग (money laundering case) के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. जेल से बाहर आने के बाद सुखपाल खैहरा ने अपने जेल में बिताए समय की बातों को News18 के साथ शेयर भी किया.
उन्होंने कहा कि जेल में बेहतर सुविधाएं और खाने की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया था. जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी आलाकमान खासकर राहुल गांधी व पंजाब के कांग्रेस नेताओं समेत उन लोगों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने उनका साथ दिया. उन्होंने बताया कि वह 31 जनवरी को अपना नामांकन भरेंगे. खैहरा ने दावा किया कि उन्हें फंसाया गया था. उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह निर्दोष हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आप पर साजिश रचने का आरोप लगाया.
उन्होंने बताया किसान आंदोलन के दौरान कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार की मुखालफत की थी इसलिए भाजपा ने उन्हें फंसाने की कोशिश की. ईडी ने सुखपाल खैहरा को 2015 से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप हैं कि उनके तार उन तस्करों से जुड़े हुए थे जिन्हें ड्रग्स की तस्करी में अबोहर से गिरफ्तार किया गया था. ईडी की टीम ने सुखपाल खैरा को 11 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था और सही जवाब न मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
2017 के विधानसभा चुनाव में सुखपाल सिंह खैहरा ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की सरकार बनने पर एचएस फूलका को नेता विपक्ष चुना था, लेकिन उनके पद छोड़ने के बाद सुखपाल खैहरा ने यह पद संभाला था. उनके आप से मतभेद होने पर 2019 में उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी. सुखपाल खैहरा को अलग पार्टी बनाने के बाद कोई खास कामयाबी नहीं मिली. चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर थी. उन्हें कांग्रेस ने भुल्थ विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरा है.