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Cooking Oil Prices: इस वजह से सरसों तेल हो रहा है लगातार महंगा, बाकी Edible Oil की कीमतों में सुधार

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देश में खाने के तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और इनमें भी सरसों का तेल बेतहाशा महंगा हो रहा है. विदेशी बाजारों में तेजी के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन को छोड़कर बाकी खाद्य तेलों के भाव सुधार दर्शाते दिख रहे हैं. बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में दो फीसदी की तेजी थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में कल रात 2.25 फीसदी मजबूत रहने के बाद फिलहाल 1.5 फीसदी की मजबूती है. हालांकि सरसों के तेल के दाम बढ़ने के पीछे कुछ और कारण भी जिम्मेदार हैं.

क्या है बाजार जानकारों का कहना
बाजार जानकारों ने कहा कि ऐसा लगता है कि विदेशी बाजारों को भारत की तेल आयात पर निर्भरता की मजबूरी का अहसास हो गया है क्योंकि यहां शुल्क कम करते ही विदेशों में अनापशनाप भाव बढ़ा दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने शुल्क घटा लिए और अब उसके पास क्या रास्ता बचा है? सूत्रों ने कहा कि विदेशों पर निर्भरता हमारे लिए जोखिम बन सकती है और लोगों को दिक्कतें पेश आ सकती हैं.

तेलों की कीमतों में सुधार के लिए उठाना होगा ये कदम
यदि सरकार को देश के तिलहन उद्योग, अर्थव्यवस्था को सुधारना है तो इस संकट का एकमात्र उपाय देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ाना ही हो सकता है जिसके लिए किसान समुदाय को भरोसे में लेते हुए उन्हें प्रोत्साहन देकर तिलहनों की खेती को बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करे, बाकी तिलहन उत्पादन बढ़ाने का समाधान खुद किसान निकाल देंगे.

सरसों के तेल में क्यों जारी रहेगी घट-बढ़
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग काफी कमजोर रहने से सोयाबीन तिलहन के भाव गिरावट के साथ बंद हुए. वहीं विदेशी बाजारों की तेजी को देखते हुए सोयाबीन तेलों के भाव में सुधार आया. सूत्रों ने कहा कि सरसों की नयी फसल आने से पहले बचे-खुचे सौदे बाजार में खपाये जाने से सरसों तेल-तिलहन के भाव गिरावट के साथ बंद हुए. एक डेढ़ महीने में सरसों की नयी फसल आने के बाद ही स्थिति में सुधार की उम्मीद है जब तक सरसों में घट-बढ़ जारी रहने की संभावना है.

मूंगफली-पामोलीन कीमतों में हुआ सुधार
विदेशों में तेजी के बीच मांग में सुधार के करण मूंगफली तेल-तिलहन के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए. मूंगफली तेल-तिलहन की वजह से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया. मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी लाभ दर्ज हुआ. सूत्रों ने कहा कि सरकार को सरसों तेल में ब्लेंडिंग की निगरानी जारी रखनी होगी. वहीं सामान्य कारोबार के बीच बाकी तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे हैं.

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 8,345 – 8,375 (42 फीसदी कंडीशन का भाव) रुपये

मूंगफली – 5,815 – 5,905 रुपये

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,000 रुपये

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,945 – 2,070 रुपये प्रति टिन

सरसों तेल दादरी- 17,000 रुपये प्रति क्विंटल

सरसों पक्की घानी- 2,535 -2,660 रुपये प्रति टिन

सरसों कच्ची घानी- 2,715 – 2,830 रुपये प्रति टिन

तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,050 रुपये

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,950

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,690 रुपये

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,300 रुपये

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,850 रुपये

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,800 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 6,350 – 6,400, सोयाबीन लूज 6,210 – 6,265 रुपये

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये