देश केंद्रीय बजट को लेकर हमेशा से उत्साहित रहा है क्योंकि इससे हर वर्ग की आकांक्षा और अपेक्षा जुड़ी होती है. समग्र विकास में बजट (Budget 2022) का हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है. लेकिन, वैश्वविक महामारी कोरोना के दुनियाभर में पड़े प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) भी अछूती नहीं है. इस विकट परिस्थिति में देश के आर्थिक ढांचे की मजबूती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिए 1.97 लाख करोड़ के अनुमानित व्यय के साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं की पहल और विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल के साथ बुनियादी ढांचे के विकास को नई रफ्तार दी गई है. प्रधानमंत्री मोदी के गति शक्ति प्लान ने संकट में संजीवनी का काम किया है. अब देश बजट-2022 में सरकार के बुनियादी ढांचे में निवेश के नए रोड मैप का इंतजार कर रहा है.
आत्मनिर्भर पैकेज से संभला MSME सेक्टर
कोरोना के चलते देश में 2 माह लॉकडाउन था. इस दौरान औद्योगिक संस्थान, निर्माण सहित सभी तरह की उत्पादन गतिविधियां ठप थी. सूक्ष्म, लघु, मध्यम व बड़े उद्योग (MSME and Large Industries) के लड़खड़ाते कदमों को केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ का आत्मनिर्भर पैकेज (Stimulus Package) देकर संभालने का काम किया. पिछले 2 साल में इस पैकेज ने सूक्ष्म और लघु उद्योगों को खड़े होने की शक्ति दी है. कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल भी अनूठा था. रोजगार के लिए राज्य के बाहर से आए श्रमिकों (Migrant Workers) को उनके घर तक पहुंचाने, उनके लिए राशन का प्रबंध करने के अलावा कोरोना महामारी के बचाव के लिए देश के हर नागरिक का मुफ्त टीकाकरण (Free Vaccination) केंद्र सरकार का अभिनव कार्य रहा है.
बजट-2022 कई मायनों में महत्वपूर्ण है. मुद्रास्फीति की दर, रोजगार का संकट, कुछ क्षेत्रों में मांग में कमी और दुनिया भर में ओमिक्रॉन के खतरे को ध्यान में रखते हुए बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) को संतुलनकारी कार्य करना होगा. उन्हें उद्योगों की जरूरतों को पूरा करते हुए आने वाले कुछ वर्षों के लिए सतत विकास के नए मार्ग बनाने होंगे.
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन
बुनियादी ढांचा क्षेत्र (Infrastructure Sector) भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन माना जाता है. यह क्षेत्र भारत के समग्र विकास को बढ़ावा देने का प्रमुख कारक है. बुनियादी ढांचा क्षेत्र में `बिजली, `पुल, बांध, सड़कें और शहरी बुनियादी ढांचा के विकास को समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने वाली नीतियों को शुरू करने की तरफ ध्यान देना होगा. पिछले 7 साल के कामकाज पर नजर डालें तो भारत में बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार हुआ है. इससे भारतीय नागरिकों के जीवन में काफी बदलाव आया है. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है. मोदी सरकार (Modi Government) का बुनियादी ढांचा निर्माण का नया रिकॉर्ड बना है. लिहाजा, केंद्र सरकार को बजट- 2022 में भी इस तरह की नीतियां लागू करने की जरूरत है, जिससे बुनियादी ढांचे के विकास को गतिशील किया जा सके.
बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने पर हो फोकस
कोरोना का खतरा कब तक रहेगा, इसकी कोई निश्चित मियाद नहीं है. जैसे देश के हालात थोड़ा सामान्य होते हैं, कोरोना नए रूप में सामने आ जाता है. सरकार की सूझबूझ और आमजन की जागरूकता के चलते दो लहरों की अपेक्षाकृत तीसरी लहर में कोरोना भारत में अधिक नुकसानदायक साबित नहीं हुआ. इस स्थिति में सरकार का मुख्य फोकस बुनियादी ढांचे के निवेश को आगे बढ़ाने की तरफ होना चाहिए.
राजकोषीय घाटे से घिर गई हैं राज्य सरकारें
बुनियादी ढांचा में निवेश को बढ़ाने की जिम्मेदारी केंद्र की इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि वैश्विक महामारी के कारण राज्य सरकारें उच्च राजकोषीय घाटे से घिर गई हैं. बुनियादी ढांचे में निवेश में राज्य सरकारों का लगभग 40% का योगदान इससे प्रभावित हुआ है. ऐसे में केंद्र को बुनियादी ढांचे के निवेश और परियोजनाओं को चलाने के लिए धन जुटाने का अधिक बोझ उठाने की जरूरत है. इसके लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बजट में प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दी जानी चाहिए, क्योंकि किसी भी तरह की देरी से आर्थिक पुनरुद्धार की संभावना प्रभावित होगी. केंद्र सरकार की यह पहल अर्थव्यवस्था के विकास पथ पर वापस आने के मिल रहे अच्छे संकेत को बेहतर बनाएगा.