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चुनावी रैली-रोड शो पर लगा रहेगा बैन, चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक के लिए बढ़ाई पाबंदी, जानें डिटेल्स

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चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को अपनी बैठक में चुनावी रैली और रोड शो पर बड़ा फैसला लेते हुए पाबंदी को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है. आयोग के नए निर्देश के अनुसार, पांचो राज्यों (Five State Election) में राजनीति पार्टियां 31 जनवरी तक चुनावी रैली और रोड शो नहीं कर पाएंगी. हालांकि चुनाव आयोग ने पहले चरण के चुनाव के लिए 28 जनवरी से उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को शर्तो के साथ रैली की इजाजत दी है. पाबंदी बढ़ाने के साथ ही आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव से पहले प्रचार के लिए थोड़ी राहत दी है.

पहले-दूसरे चरण के लिए मिली राहत
चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में होने वाले चुनावों पर एक वर्चुअल बैठक की. बैठक में कोरोना के बढ़ते मामले और कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति पर चर्चा की गई. कोरोना के पीक को देखते हुए आयोग ने 31 जनवरी 2022 यानि एक सप्ताह के लिए चुनावी रैली, जनसभाओं, पद यात्रा और रोड शो पर जारी पाबंदी को बढ़ा दिया है. हालांकि आयोग ने उत्तर प्रदेश में 10 जनवरी को होनेवाले पहले चरण के मतदान और 14 फरवरी को गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण के मतदान के लिये उम्मीदवारों और राजनीतिके दलों को खुले स्थान में छोटी रैली की इजाजत दी है. इसमें अधिकतम संख्या 500 रखी गई है.

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले चरण के मतदान के 28 जनवरी से राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को शर्तों के साथ रैली करने की इजाजत दी है. वहीं आयोग ने दूसरे चरण के मतदान के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को 1 फरवरी से शर्तों के साथ रैली करनी की इजाजत दी है. बता दें कि यूपी, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान होना है. रैली के लिए स्थान क्या होगा इस का निर्धारण जिलाधिकारी करेंगे.

डोर टू डोर कैंपेन में बढ़ाई गई संख्या
इसके साथ ही आयोग ने डोर टू डोर कैंपने के लिए राजनीतिक दलों को राहत दी है. अब राजनीतिक दल 10 लोगों के साथ डोर टू डोर कैंपेन में जा सकते हैं. इससे पहले यह संख्या 5 थी. इसके अलावा राजनीतिक दलों के पब्लिक सिटी वैन के पास 500 लोगों को एक साथ देखने की इजाज़त दे दी गई है. चुनाव आयोग के इन तमाम नई घोषणाओं के वक्त कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया जाना अनिवार्य होगा. नियमों का उल्लंघन करने पर उम्मीदवार की जवाबदेही तय होगी.