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सेना ने कोरोना से बचाव के लिए जारी की गाइडलाइन्स, छुट्टी से लौटने वालों के लिए क्वारंटीन अनिवार्य

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देश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर (3rd Wave of Corona In India) की आशंका बढ़ रही है. कोरोना के बढ़ रहे मामलों का असर, भारतीय थलसेना (Indian Army) पर भी पड़ रहा है. साल 2021 के आखिरी हफ्ते यानी 31 दिसंबर तक भारतीय सेना में पॉजेटिविटी रेट 2. 34 % थी हांलकि ये 5 % से कम है लेकिन सेना ने एहतियातन सभी यूनिट, फॉर्मेशन और हेडक्वार्टर के लिंए नई एडवाइजरी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में पॉजिटिविटी रेट के हिसाब से रेड फ्लैग जारी किया गया है. एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर पॉजेटिविटी रेट 1 से 2 % के बीच है तो हर फॉर्मेशन और यूनिट में छुट्टी या कोर्स से वापस लौटने वालों को कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होगा. ये सैनिकों और उनके साथ यूनिट में रहने वाले परिवार वालों पर लागू होगा. सभी सोशल गेदरिंग के कार्यक्रम स्थगित किए जाएंगे. साथ ही दफ्तरों में मीटिंग सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही होगी. इसके अलावा क्वारंटीन और आइसोलेशन फैसेलिटी को एक्टिव किया जाएगा.

अगर पॉजिटिविटी रेट 5 % तक पहुंचा तो छुट्टी या टीडी से लौटने वाले सभी सैनिकों को सात दिन का क्वारंटीन पूरा करना होगा और सात दिन के बाद कोरोना टेस्ट भी करवाना होगा. साथ ही जितने भी रोगियों को ओपिनियन के लिए मेडिकल बोर्ड भेजा जाता है उसे तुरंत रोक दिया जाएगा और सिर्फ टेलिफोन और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए परामर्श किया जा सकेगा.

अस्पतालो में 40 % तक आईसीयू बेड होंगे आरक्षित
अगर अगर पॉजेटिविटी रेट 5 से 10 % के बीच हुई तो ऑफिस में लोगों की क्षमता कम की जाएगी.सैनिकों और और उनके परिवार की गैर जरूरी यात्राओं को भी कम किया जाएगा लेकिन इसके पर फैसला हेडक्वार्टर से होगा. साथ ही अगर पॉजेटिविटी रेट 10 % से ज़्यादा हो जाता है तो सेना के जारी अलग अलग कोर्स और ट्रेनिंग को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा और ग़ैरज़रूरी यात्रा को भी पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.

मिलिट्री अस्पताल में कोरोना और अन्य इमरजेंसी ऑपरेशन और इलाज जारी रखा जाएगा जबकि जो सर्जरी बहुत ज्यादा जरूरी न हो इसे पोस्टपोन किया जाएगा. ऐसी हालत में अस्पतालो में 40 % तक आईसीयू बेड आरक्षित किए जाएंगे. दफ्तर, मेस में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खाने के समय को भी ज़रूरत के हिसाब से बाँटा जाएगा. साथ ही वेंटीलेशन की पूरी व्यवस्था करने को कहा गया. समय-समय पर सेनेटाइजेशन भी कराया जाएगा.

सेना के लगभग सभी सैनिकों को कोविड टीके की दोनों डोज लग चुकी है ऐसे में अगर उन सैनिकों में किसी भी तरह का कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण पाया जाता है तो उन्हें सात दिन तक लगातार मॉनिटर करने को कहा गया है और टेस्ट कराना होगा. ऐसे सैनिक जिन्हें दूसरी डोज नहीं लगी है उन्हें किसी भी तरह के लक्षण आने पर खुद को सात दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा और हमेशा मास्क पहने रखना होगा.

बता दें भारतीय सेना ने कोरोना के शुरुआत में सरकार की तरफ से जारी गाईडलाइन्स के साथ साथ अपने भी कड़े नियम और दिशानिर्देश जारी किए थे जिनका पालन लगातार किया जा रहा है. चूंकि ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है लिहाजा सेना कोई चूक नहीं करना चाहती और अपनी तैयारी को अप टू डेट रख रही है.