ऑनलाइन ठगी करने वाले जालसाज गिरोह लोगों के खाते में सेंध लगाने के लिए लगातार फॉर्मूला बदल रहे हैं। ठगों ने ऐसे एप तैयार किए है, जिसे मोबाइल पर डाउनलोड करते ही फोन का पूरा डेटा ठगों के पास पहुंच रहा है। ठग मोबाइल को हैक कर खुद ऑपरेट करने लगते है।
उसके बाद धीरे-धीरे खाते से पैसा निकाल लेते हैं। इसमें डेटिंग, चैटिंग, लोन, ई-वॉलेट और मैसेंजर एप शामिल है। कुछ फिटनेस और फूड एप का भी ठग उपयोग कर रहे हैं। रायपुर में इन एप के माध्यम से 30 से ज्यादा ठगी हो चुकी है। उसके बाद पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा एप और वेबसाइट को लेकर अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की जा रही है कि किसी भी एप का उपयोग करते समय सावधानी बरतें। उसके बारे में अच्छे से पड़ताल कर लें। एप की जानकारी लेने के बाद ही उसका उपयोग करें।
बड़ी फाइल ट्रांसफर करने वाले एप से ठगी
गूगल प्ले स्टोर में एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर और मिंगलव्यू जैसे कई एप है। इनकी मदद से बड़ी और हेवी फाइल को दूसरे मोबाइल या सिस्टम में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है। एप से मिनटों में ही फाइल का पूरा डेटा ट्रांसफर हो जाता है। ठग इन्हीं एप का उपयोग लोगों को ब्लैकमेल करने में कर रहे हैं। पुलिस ने अब तक जितनी एफआईआर दर्ज की है, उसकी समीक्षा के बाद अफसरों का कहना है कि ठग किसी भी नाम से फर्जी लिंक भेजकर ऐसा एप को डाउनलोड करवाते है, जिससे वे मोबाइल को हैक कर सकें। ओटीपी नंबर भी जनरेट करते हैं।
डेटिंग और चेटिंग से ठगी और ब्लैकमेलिंग
इंटरनेट और गुगल प्ले स्टोर में कई डेटिंग और चैटिंग एप है, जिसमें लोग ऑनलाइन दोस्त बनाते हैं। उनके बीच एप में बातचीत होती है। अब ठग इन एप से ठगी करने लगे हैं। ऐसे एप से भी खाते में ऑन लाइन सेंध लगायी जा रही है। ठग लड़कियां बनकर एप में बात करते हैं। फिर व्यक्तिगत फोटो खींचकर ब्लैकमेलिंग करते हैं। इन एप के माध्यम से ठग पहले वीडियो कॉल करते हैं, जैसे ही वीडियो कॉल में कोई जुड़ता है तो उन्हें रिकॉर्डिंग वाली अश्लील फिल्म दिखायी जाती है। उसके बाद वे उसी फिल्म को सार्वजनिक करने का झांसा देकर ब्लैकमेल करते हैं।
ई-वॉलेट में कैशबैक देने का झांसा
ऑनलाइन शॉपिंग और डिजीटल पेमेंट करने पर ई-वॉलेट कंपनियां कैशबैक देती है। ई-वॉलेट एप पर कैशबैक का मैसेज आता है, जिसे स्क्रैच करने पर पैसा मिलता है। ज्यादातर लोगों के मोबाइल पर ई-वॉलेट है। ठग इनके यूजर्स को रिवॉर्ड व कैशबैक के नाम पर फोन कर रहे हैं। वॉलेट पर फर्जी लिंक भेजा जा रहा है, जिसे क्लिक करते ही ठगों के पास खाते की जानकारी पहुंचे ही ठग पैसे निकाल लेते हैं।