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पीएलआई योजनाओं ने वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: सीतारमण

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को ‘पासा पलटने वाला कदम’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि इससे देश में निवेश आकर्षित करने और विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में मदद मिली है. पीएलआई योजना की घोषणा 2021-22 के बजट में 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय प्रस्ताव के साथ की गयी थी. इसमें कपड़ा, इस्पात, दूरसंचार, वाहन और औषधि जैसे 13 प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है.

सीतारमण ने कहा कि भारत ने उन निवेशकों को आकर्षित करने के लिये योजनाएं बनाईं जो अन्य देशों के लिये एक स्रोत पर निर्भर हुए बिना अपनी मूल्य श्रृंखला को बरकरार रखने को लेकर कुछ क्षेत्र से बाहर जाने की योजना बना रहे थे.

बड़े पैमाने पर निवेश
उन्होंने कहा ‘‘इन योजनाओं के परिणाम काफी सकारात्मक हैं. पीएलआई योजनाएं प्रमुख क्षेत्रों के लिये बनाई गईं. इसके तहत काफी प्रोत्साहनों की घोषणा की गयी. इससे उन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है.’’

विनिर्माण और निर्यात दोनों को बढ़ावा
सीतारमण ने ‘एम वी कामत शताब्दी स्मृति व्याख्यानमाला’ में कहा कि पीएलआई योजना की प्रकृति ऐसी है, जिससे बड़े पैमाने पर काम करने वाले लोगों को लाभ होता है. साथ ही यह घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने के साथ अधिशेष को वैश्विक बाजार में भेजने में मदद करती है. इससे विनिर्माण और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिलता है.

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मुझे लगता है कि पीएलआई योजना कुछ भौगोलिक क्षेत्रों से भारत जैसे देशों में आने वाले उद्योगों को आकर्षित करने और घरेलू तथा निर्यात बाजार का हिस्सा होने के मामले में पासा पलटने वाली साबित हुई है.’’

इंटेल की भारत में सेमीकंडक्टर इकाई लगाने की योजना
हाल ही में खबर आई है कि इंटेल भी भारत में सेमीकंडक्टर इकाई लगाने की योजना बना रही है. हालांकि इंटेल की तरफ से अभी भारत में सेमीकंडक्टर बनाने की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इंटेल की तरफ से ट्वीट करने वाले ठाकुर चिप निर्माण से ही जुड़े हैं. उनके ट्वीट के जवाब में वैष्णव की तरफ से इंटेल का भारत में स्वागत करना इस बात को जाहिर कर रहा है कि इंटेल भारत में सेमीकंडक्टर बनाने का मन बना चुकी है.

हाल ही में इंटेल ने मलेशिया के पेनांग में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्च¨रग की अपनी क्षमता के विस्तार पर सात अरब डालर निवेश करने की घोषणा की थी. अब भारत सरकार की तरफ से इंसेंटिव की घोषणा के बाद इंटेल अपना इरादा बदल सकती है. इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ताइवान और जापन के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर का निर्माण शुरू करना चाहता है.