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करोना काल में भ्रस्टाचार, आपदा में अवसर

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रामानुजगंज! रामचन्द्रपुर जनपद पंचायत में कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर में लोगो को रहत देने के लिए शासन ने लगभग 44 लाख रुपए रामचन्द्रपुर जनपद में आबंटित किया था। सरकार की मंशा थी की इस आपदा की घडी में बाहर से आने वाले लोगो एवं ग्राम पंचायतो में कोई भूखे न रह पाए इसके लिए राशन एवं कोरेनटाईन किये गये लोगो को पोस्टिक आहार दवाईया, एक जगह से सुरक्षित दुसरे जगह पहुचाने के लिए गाडियों की व्यवस्था की गयी थी मगर ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच, पंचायत इंस्पेक्टर या कोरोना काल में व्यवस्था करने वालो ने जो बिल जनपद में प्रस्तुत किये उन बिलों को देखकर यह उक्ति सही लगती है कि आपदा में अवसर इन व्यस्थापको ने खोज निकला। सेवा कम किये मेवा ज्यादा खाये।

वाहन की जिम्मेदारी सुरेश सिंह पंचायत इंस्पेक्टर रामचन्द्रपुर– इनके द्वारा जो वाहन में डीजल पेट्रोल व किराया का जो बिल लगाया गया उसमे आधा वाहन रजिस्ट्रेशन क्रमांक अधिकांश बिलों में डाला गया है जिससे उक्त वाहन की वैधता साबित न हो सके। जाहिर है अनाप सनाप बिल लगायी गयी है।

पंचायतो द्वारा लगाये बिल अविश्नीय– सुचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी दी गयी जनपद रामचन्द्रपुर द्वारा आधी अधूरी के बावजूद राशन सामग्री का बिल की सच्चाई जानने के कोशिश कई जगहों पर की गयी। कई दुकान तो कोरोना काल के बाद गायब हो गये, कई दुकान बगैर जीएसटी, टीन नंबर के अस्सी हजार से लाख रूपये का बिल काट रहे है जो समझ से परे है उन बिलों के लिए न नोटशीट दिख रही है और न ही पास फॉर पेमेंट का सील।

सवाल यह उठता है की बिल पास करते समय अधिकारियो ने कोई जाँच किया या मनमाने बिल को अपने हिसाब से पास कर दिया। जाँच तो बनता है अब करे या ना करे।