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बिल्हा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी की संदेहास्पद भूमिका, क्षेत्रवासियों के शिकायतों पर नहीं हो रही है कार्यवाही, अवैध क्लीनिक संचालकों को मिल रहा इनका संरक्षण…

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बिल्हा, बिलासपुर छत्तीसगढ़। संजय मिश्रा “मेरूवाणी डाॅट इन”…

छत्तीसगढ़ प्रदेश के न्यायधानी बिलासपुर जिला अंतर्गत बिल्हा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी इन दिनों मनमानी में व्यस्त नजर आ रहीं है, ना समय पर ऑफिस आना और ना ही समय पर चिकित्सालय पहुंचना, वैसे तो अधिकारी जनता के सेवक होते हैं लेकिन यहाँ पर जो अधिकारी लम्बे समय से जमें हुए हैं वे अपनें आप को शासक समझ रहे हैं।

आज से तकरीबन तीन माह पूर्व क्षेत्र के स्थानीय निवासी द्वारा बिल्हा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में लगे शिकायत पेटी में लिखित शिकायत पत्र देकर उचित कार्यवाही की मांग की गई थी, जिस शिकायत पत्र पर आज दिनांक तक स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे बिल्हा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी की भूमिका कई प्रकार के संदेह के दायरे में नजर आ रही है।

आपको बता दें कि बिल्हा विकासखण्ड क्षेत्र में लगभग तीन से चार सौ व्यक्ति अपनें आप को डॉक्टर बताकर क्षेत्र के आम जनताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए मोटी रकम वसूल रहे हैं, जिसकी सम्पूर्ण जानकारी बिल्हा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी को कई प्रकार के सूचनाओं के माध्यम से है लेकिन ऐसे धोखाधड़ी करनें वालों के खिलाफ कार्यवाही इनके द्वारा नहीं किया जाना इनकी संरक्षण को दर्शाता है।

इतना ही नहीं बिल्हा विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी को रहनें के लिए साशन द्वारा जो आवास दिया गया है वहाँ पर भी इनके सम्बन्धी द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन इन्ही की संरक्षण में किया जा रहा है, और हमें यह बात भी सुननें को मिली है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिल्हा में जो मरीजों के लिए निःशुल्क वितरण के लिए दवाईयां आती है उसको भी इनके द्वारा इधर-उधर किया जाता है।

उपरोक्त संबंध में जब हमनें विकासखण्ड स्वास्थ्य अधिकारी से उचित कार्यवाही के लिए संपर्क किए तो उनके द्वारा जिला स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देश पर कार्यवाही का हवाला देकर चलता कर दिया गया।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी इस संबंध में संपर्क करनें पर उन्होनें कहा कि जो भी बात है उसे बड़ा-बड़ा छाप दो, जो काम नहीं करता है उसके लिए ऐसा ही करना पड़ेगा।

स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के इस तरह की भूमिका से ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें शासन-प्रशासन का किसी प्रकार का कोई भय नहीं है, तथा खुलेआम मनमानी कर रहे हैं।

इस खबर के प्रसारण उपरांत अब देखनें वाली बात यह होगी कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी उपरोक्त मामले में किस प्रकार की क्या कार्यवाही करते हैं।