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आदि महोत्‍सव में जनजातीय उत्‍पादों की बिक्री हुई दोगुनी, कौन हैं सबसे ज्‍यादा बिकने वाले उत्‍पाद.

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ट्राईफेड द्वारा दिल्‍ली हाट में आयोजित आदि महोत्‍सव में जनजातीय उत्‍पादों की बिक्री दोगुने के करीब पहुंच गई है. सबसे ज्‍यादा लेह लद्दाख, कश्‍मीर और हिमाचल के उत्‍पादों की मांग है. इसके साथ ही कोरोना की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्‍पाद भी लोगों द्वारा खूब खरीद जा रहे हैं. जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित आदि महोत्‍सव 30 नवंबर तक चलेगा. महोत्‍सव में करीब 1000 जनजातीय कारीगर अपने-अपने उत्‍पादों के साथ मौजूद हैं.

ट्राइफेड के एमडी प्रवीर कृष्‍णा ने बताया कि जंगल में रहने वाले जनजातीय लोगों के उत्‍पादों को प्‍लेटफार्म देने और उनके उत्‍पादों को आसानी तक लोगों तक पहुंचने के लिए आदि महोत्‍सव का आयोजन किया जा रहा है. दिल्‍ली हाट में लगने वाला यह पांचवां आदि महोत्‍सव है. पिछले वर्ष आदि महोत्‍सव में वीकेंड के दिनों में बिक्री 30 से 32 लाख के करीब होती थी, लेकिन इस बार यह बिक्री 60 लाख तक पहुंच गई है.

औसतन 40 से 45 लाख रुपए की रोजाना की बिक्री हो रही है और आठ से 10 हजार लोग रोजाना महोत्‍सव में पहुंच रहे हैं. सबसे ज्‍यादा भीड़ लेह-लद्दाख, कश्‍मीर और हिमाचल के स्‍टॉलों पर हो रही है. सबसे ज्‍यादा मांग पश्‍मीना की है. महोत्‍सव में 27 राज्‍यों के 200 से अधिक स्‍टाल लगे हैं.

ट्राइफेड के एमडी ने बताया कि वन धन योजना के तहत 1800 उत्‍पादों को शामिल किया है. जनजातीय लोगों के 90 उत्‍पादों को एमएसपी में खरीदा जा रहा है. 52 हजार के करीब स्‍वयं सहायता ग्रुप बनाए जा चुके हैं. वन धन के 3011 क्‍लस्‍टर बनाए गए हैं. जनजातीय लोगों के 1800 से अधिक उत्‍पाद ई कॉमर्स प्‍लेटफार्म पर उपलब्‍ध हैं.

उन्‍होंने बताया छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर जिले में देश का पहला ट्राइबल फूड पार्क बनाया जा रहा है. इसके अलावा जनजातीय लोगों का सामान स्‍टोर करने के लिए देशभर में 3000 के करीब गोदाम बनाए जा रहे हैं.