लखीमपुर खीरी हिंसा पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से वरिष्ठ अधिकारियों की सूची मांगी है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले की जांच में जुटी टीम को भी ‘अपग्रेड’ या बेहतर बनाने के लिए कहा है. अक्टूबर में लखीमपुर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से रौंदे जाने की खबर आई थी. इसके बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी. मामले में आरोपी के तौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम सामने आया था. हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें चार किसानों, एक पत्रकार, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और एक ड्राइवर का नाम शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर में जांच कर रहे अधिकारियों की टीम को ‘अपग्रेड’ करने की बात कही है. राज्य सरकार ने अदालत से कहा है कि वे जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज का चुनाव कर सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा, ‘चिंता की बात यह है कि आपको मामले की जांच कर रहे टास्कफोर्स को अपग्रेड करना होगा. इसमें उच्च ग्रेड के अधिकारियों की जरूरत है.’ मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा, ‘चिंता की बात यह है कि आपको मामले की जांच कर रहे टास्कफोर्स को अपग्रेड करना होगा. इसमें उच्च ग्रेड के अधिकारियों की जरूरत है.’ मामले की सुनवाई CJI रमन्ना, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच कर रही है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘मौजूदा SIT में ज्यादतर अधिकारी केवल लखीमपुर खीरी के हैं. आप हमें IPS कैडर के अधिकारियों के नाम दें, जो केवल यूपी से हैं, लेकिन लखीमपुर से नहीं.’