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कोरोना को गंभीर होने से रोकेगी ये नई एंटीबॉडी, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता.

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वैज्ञानिकों ने ऐसे एंटीबॉडी (Antibody) की पहचान एवं जांच की है जो कोरोना वायरसों के कई प्रकारों से होने वाले संक्रमणों की गंभीरता को सीमित कर सकता है. साथ ही ये एंटीबॉडी उन संक्रमणों को गंभीर होने से रोकने में भी कारगर है जो कोविड-19 (COVID-19) के साथ ही सार्स बीमारी के लिए भी जिम्मेदार हैं. अध्ययन में सार्स का प्रकोप फैलाने वाले सार्स-सीओवी-1 वायरस से संक्रमित और मौजूदा कोविड-19 से पीड़ित एक-एक मरीज के रक्त का विश्लेषण कर उसके शरीर से एंटीबॉडी को अलग किया गया.

अध्ययन के सह-वरिष्ठ लेखक एवं अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी ह्यूमन वैक्सीन इंस्टीट्यूट के निदेशक बार्टन हेन्स ने कहा, ‘इस एंटीबॉडी में मौजूदा वैश्विक महामारी से निपटने की क्षमता है.’ हेन्स ने कहा, ‘यह भविष्य में सामने आने वाले प्रकोपों के लिए भी उपलब्ध हो सकता है अगर या जब कभी अन्य कोरोना वायरस अपने प्राकृतिक पशु पोषक से निकलकर मनष्यों में आ जाते हैं.’

क्या बोले वैज्ञानिक
अनुसंधानकर्ताओं ने 1,700 से अधिक एंटीबॉडी की पहचान की, जो प्रतिरक्षा प्रणाली विशिष्ट वायरसों पर विशिष्ट स्थानों पर बंधकर रोगाणु को कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकती है. उन्होंने कहा कि जब वायरस का उत्परिवर्तन होता है, तो कई संपर्ककारी स्थल (बाइंडिंग साइट) बदल जाते हैं या समाप्त हो जाते हैं, जिससे एंटीबॉडी अप्रभावी हो जाती हैं. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि वायरस पर अक्सर ऐसे स्थल होते हैं जो उनके उत्परिवर्तन के बावजूद अपरिवर्तित रहते हैं.
‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ नया शोध
उन्होंने ऐसी एंटीबॉडीज पर ध्यान केंद्रित किया जो वायरस के विभिन्न वंशों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी होने की उनकी क्षमता के कारण इन साइटों को लक्षित करती हैं. यह अध्ययन मंगलवार को ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ.