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जी-20 की बैठक में कोरोना महामारी, आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर होगी चर्चा : श्रृंगला

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विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने बृहस्पतिवार को कहा कि इटली में आसन्न जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में कोविड-19 महामारी (Corona epidemic) से मुकाबले सहित भविष्य में पेश आने वाली ऐसी ही चुनौतियों को लेकर ‘ठोस परिणाम’ निकल सकते हैं और वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा, आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के रोम रवाना होने से पहले श्रृंगला ने कहा कि जी-20 भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ संपर्क करने तथा वैश्विक आर्थिक विकास एवं सुधार के चलन एवं मानदंड तय करने का महत्वपूर्ण मंच है.

श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि भारत विकासशील देशों के आम नागरिकों तथा जी-20 में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आवाज बना रहेगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम और ग्लासगो की यात्रा पर रहेंगे. विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री इटली के 29 से 31 अक्टूबर तक जी-20 देशों के समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने रोम (इटली) में रहेंगे और इसके बाद 26वें कांफ्रेंस आफ पार्टीज (सीओपी-26) में विश्व नेताओं के शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे, ब्रिटेन के ग्लासगो जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलेंगे तथा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो तथा सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत करने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

श्रृंगला ने बताया कि जी-20 में कोविड महामारी तथा भविष्य में संभावित किसी महामारी के प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा तथा वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने बताया, ‘जी-20 में इसके बारे में ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक तंत्र स्थापित करने का भी सुझाव है.’  विदेश सचिव ने कहा, ‘भविष्य में ऐसी किसी महामारी आने की स्थिति में इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं गठजोड़ को बल देने के लिए जी-20 किसी ढांचा के सृजन को लेकर चर्चा कर सकता है.’ श्रृंगला ने बताया कि जी-20 सम्‍मेलन में महामारी से उबरने, वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत करने, आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा पर चर्चा संभव है. उन्होंने कहा कि भारत, इटली द्वारा चुने गए इन सभी क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इटली के अपने समकक्ष मारियो द्रागी के निमंत्रण पर रोम जा रहे हैं. गौरतलब है कि जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक वैश्विक मंच है. इसके सदस्य देशों में दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक कारोबार शामिल है. इस समूह की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 60 प्रतिशत है. इस वर्ष समूह का मुख्य विषय ‘लोग, पृथ्वी और समृद्धि’ है. श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी रोम के बाद 26वें कांफ्रेंस आफ पार्टीज (सीओपी-26) में विश्व नेताओं के शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे ब्रिटेन के ग्लासगो जाएंगे. उल्लेखनीय है कि सीओपी-26 बैठक 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक ब्रिटेल एवं इटली की सह अध्यक्षता में हो रहा है.