Home छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत गबौद(स) में शौचालय की राशि का बंदरबांट, शौचालय निर्माण होनें...

ग्राम पंचायत गबौद(स) में शौचालय की राशि का बंदरबांट, शौचालय निर्माण होनें के बाद भी अभी तक नहीं मिला ग्राम वासियों को शौचालय की प्रोत्साहन राशि…

71
0

✍…ग्रामीण जन सरपंच और सचिव से अभी तक लगा रहे हैं गुहार…

✍…ग्राम पंचायत के मुखिया के लड़के के द्वारा एक ही शौचालय मे पूरे मोहल्ले वालों को खड़ा करा करा कर फोटो खींचा गया….

📡…पलारी, बलौदाबाजार। राघवेन्द्र सिंह “मेरूवाणी डाॅट इन”…

बलौदाबाजार-भाटापारा जिला क्षेत्र के पलारी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत गबौद(स) स्थित है, जहां पर ग्रामीणों के द्वारा ही ग्राम पंचायत के अत्यंत निंदनीय कार्यों एवं विकास की गति के तहत किए गए कार्यों पर टिप्पणी किया गया।

लोगों नें बताया कि ग्राम पंचायत गबौद(स) में कुछ वर्ष पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण हुआ था, जिसमें कई लोगों का बना हुआ था, कई लोगों का शौचालय पूर्ण था और कई लोगों का शौचालय बना ही नहीं थी लेकिन शौचालयों की राशि पूर्ण रूप से पंचायत के खाते में आ चुकी है लेकिन अभी तक हितग्राहियों को शौचालय की जो प्रोत्साहन राशि मिलनीं थी वह अभी तक नहीं मिल पाई है, ग्रामीणों नें सरपंच, सचिव के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि शौचालय की राशि ग्राम पंचायत के द्वारा हमें मिल ही नहीं पाई है और हमारे द्वारा आवेदन, शिकवा, शिकायत सभी प्रकार की बातों को उनके सामनें ग्राम पंचायत में और मुख्य कार्यपालन अधिकारी तक भी पहुंचा दी गई है मगर अभी तक किसी भी बातों का उनके ऊपर असर नहीं हुआ और हमारी शौचालय की राशि का बंदरबांट कर दिया गया, हमारे ग्राम पंचायत में शौचालय बना तो है मगर उस समय कई लोगों का नहीं बना था उसके बावजूद भी सरपंच के बेटे के द्वारा शोभाराम पटेल के प्राइवेट शौचालय में खड़ा करा-करा कर के मोहल्ले वालों का फोटो खींच कर ले जानें की भी बात ग्रामीणों के द्वारा कही गई, इस विषय पर ग्राम वासियों ने यह भी कहा कि यहां पर लगातार तीन पंचवर्षीय चुनाव में जीतनें के बाद सरपंच का हौसला बुलंद है और वहां आज ग्रामीणों की जो प्रोत्साहन राशि है शौचालय की उसको भी खा कर डकार दिया, गांव में विकास के नाम पर कुछ दिख ही नहीं रहा है, गांव से तालाब जानें के मार्ग में तो कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है आज तक मुरूम तक नहीं डाल पाया, सीसी रोड का तो दूर की बात है आज तक हमारे मोहल्ले की तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है, पता नहीं जातिवाद के नाम पर नहीं ध्यान दिया जा रहा है कि व्यक्तिगत रूप से यह तो उसकी मानसिकता है वे ही जानें, क्योंकि सरपंच का पद महत्वपूर्ण होता है ग्राम पंचायत में और पिछले पंचवर्षीय में तो कई प्रकार की कार्यों में पंचायत की राशि को बंदरबांट करनें की वजह से उनके ऊपर रिकवरी का आदेश भी हुआ था, जिसको उन्होंने पैसा भर कर के फिर से चुनाव में प्रत्याशी के रूप में रहे और आज फिर से मुखिया के पद पर आसीन हैं, और ग्राम पंचायत से लेकर जिला तक अपना पकड़ बनाकर हौसला बुलंद करते हुए चल रहे हैं, इस प्रकार की उक्त बातें ग्राम वासियों ने कही।

इस विषय पर ग्राम पंचायत के मुखिया से बात करनें एवं मिलनें की कोशिश की गई मगर सरपंच के द्वारा टालमटोल कर दिया गया और फोन पर यहां वहां रहनें की बात कही गई और बाद में फोन नहीं लग पाया और लगा तो उठानें की कोशिश भी नहीं की।

🎤…शौचालयों की राशि ग्राम पंचायत को आबंटन कर दी गई है, और उक्त राशि हितग्राहियों को मिली है कि नहीं जांच करनें पर बता पाएंगे।

🎤…शोभाराम पटेल के शौचालय में मोहल्ले वासियों का फोटो खींचना, जैसी बातों का क्या है गांव वाले कुछ भी बोल देते हैं…

        संजय कुमार कंवर

   "मुख्य कार्यपालन अधिकारी पलारी"