राज्य निर्वाचन आयोग मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है. इन चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सभी कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. उन्होंने कलेक्टरों को इस संबंध में दिशा-निर्देश भी दिए. सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ चुका है. इसलिए पंचायत चुनाव कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं है. चुनाव आयोग के स्तर पर तैयारियां हो चुकी हैं. चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टरों से कहा कि जिलों के अति संवेदनशील और संवेशनशील मतदान केंद्रों की सूची भेजें. इसके अलावा सभी मतदान केंद्रों का वैरिफिकेशन भी करें. कलेक्टरों से कहा गया कि जिन मतदान केंद्रों के रास्ते ठीक नहीं हैं, उन्हें ठीक कराएं.
अतिरिक्त मतदानकर्मी होंगे नियुक्त
सिंह ने कलेक्टरों से कहा कि चुनाव की तैयारियों की पूरी जानकारी दें और 750 से ज्यादा मतदाताओं वाले केंद्रों पर अतिरिक्त मतदानकर्मी नियुक्त करें. मतदानकर्मियों को नियुक्त कर उन्हें जल्द से जल्द प्रशिक्षण दिया जाए. सभी मतदानकर्मियों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह समझाई जाए.
इस तरह होंगे चुनाव
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस बात पर चर्चा की गई कि पंच-सरपंच का चुनाव बैलेट और जिला-जनपद पंचायत के सदस्य का चुनाव ईवीएम से करवाया जाएगा. कलेक्टरों से कहा गया कि अगर किसी केंद्र की जगह बदलनी है तो उसका प्रस्ताव जल्द से जल्द चुनाव आयोग को भेज जाए. मतदान केंद्र में बिजली सहित सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएं. इसके अलावा कलेक्टर चुनाव आयोग को ये भी बताएंगे कि मार्च 2022 तक पंचायतों में कितने पद रिक्त होने वाले हैं.
आरक्षण प्रक्रिया पर होगा फोकस
बता दें, खंडवा, पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव के उपचुनाव के बाद जिला पंचायत पद के आरक्षण की प्रक्रिया पर फोकस किया जाएगा. इसे पूरा करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की घोषणा कर सकता है. ये चुनाव 1 जनवरी 2021 की मतदाता सूची के आधार होंगे. बैठक में उपचुनाव वाले जिलों के कलेक्टर मौजूद नहीं थे.