कोरोना के साथ चल रही लड़ाई में भारत ने कल ही 100 करोड़ वैक्सीनेशन (100 Crore Vaccination) का रिकॉर्ड कायम किया है. यह विश्व सभी देशों में हुए कुल वैक्सीनेशन का 7वां हिस्सा है. भारत में वैक्सीन निर्माण से लेकर उसकी अन्य देशों में आपूर्ति और फिर देश में ही वैक्सीनेशन की उपलब्धि हासिल करना काफी बड़ी बात है. हालांकि अभी भी देश में पहली डोज (First Dose) लेने के मुकाबले दूसरी डोज लेने वालों की संख्या के अनुपात में बड़ा अंतर है. जहां देश में 70 करोड़ से ज्यादा पहली डोज दी गई हैं वहीं महज 30 करोड़ लोगों ने ही दूसरी डोज ली है. ऐसे में पहली डोज का वैक्सीनेशन बढ़ाने के साथ ही लोगों को पूरी तरह वैक्सीनेटेड (Fully Vaccinated) करने की चुनौती भी सामने खड़ी है.
इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान (ICMR) के कोविड-19 टास्क फोर्स चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा का कहना है कि भारत में 94 करोड़ व्यस्क आबादी है और देश की आबादी का दोनों डोज का टीकाकरण कार्यक्रम (Vaccination Programme) पूरा करने के लिए 190 करोड़ अतिरिक्त डोज (Extra Doses) की आवश्यकता होगी. फिलहाल 100 करोड़ डोजेज दी जा चुकी हैं लेकिन अभी भी पूरी व्यस्क आबादी को पहली डोज नहीं मिली है. ऐसे में फुली वैक्सीनेटेड होने के लिए अभी थोड़ा और वक्त लगेगा. हालांकि भारत में वैक्सीन की मौजूद आपूर्ति और उत्पादन क्षमता के अनुसार हम अगले तीन महीने में अतिरिक्त 70 से 80 करोड़ टीकाकरण कर सकते हैं.
डॉ. अरोड़ा कहते हैं कि इस हिसाब से अगले 90 से 120 दिन में भारत की संपूर्ण व्यस्क आबादी (Adults Population) या कहें कि 18 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना के दोनों टीके दिए जा सकते हैं. फिलहाल भारत के पास स्वदेशी कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covishield) के अलावा भारत में ही निर्मित स्पूतनिक वी (Sputnik V) की आपूर्ति भी हो रही है. इसके अलावा भारत में कई अन्य वैक्सीनों को भी आपातकालीन अनुमति मिल चुकी है. लिहाजा वैक्सीन की डोज की पर्याप्तता रहने वाली है और लोगों को वैक्सीनेट किया जा सकता है.
वे कहते हैं, ‘ जहां तक वैक्सीन की आपूर्ति और देश के स्वास्थ्य संसाधनों की बात है वैज्ञानिक इस बारे में काफी आश्वस्त हैं. सही मायने में अभी हम लोगों में एक तरह का वैक्सीन जोश या वैक्सीन उत्साह देख पा रहे हैं जबकि वैक्सीन हेजिटेंसी जैसी कोई बात नहीं है लेकिन इसके आगे का रास्ता कठिन हो सकता है, क्योंकि संभव है कि हम वैक्सीन हेजिटेंसी को पूरी तरह खत्म कर दें या लोग वैक्सीन से हिचकिचाएं ही या फिर वैक्सीन हेजिटेंसी की संख्या काफी कम हो. हालांकि मेरा इस संदर्भ में पूर्णत: विश्वास है कि प्रासंगिक कारकों को दूर करने के ठोस प्रयास से देश को पूर्ण टीकाकरण प्राप्त करने में मदद मिलेगी’