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BSF की ‘ताकत’ बढ़ाने पर केंद्र- बेमतलब बहस, ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का है

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 केंद्र सरकार (Central Government) का मानना है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर बढ़ाया गया है. केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि इस फैसले को लेकर बेवजह बहस हो रही है. ये एक बेहद जरूरी फैसला है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है.

दरअसल गृह मंत्रालय के नए फैसले के बाद BSF को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगते 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी जैसे कई अधिकार हासिल हो गए हैं. इसे लेकर पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सरकारें विरोध कर रही हैं.

सूत्रों का कहना है कि ‘दुश्मन देशों’ की तरफ से ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी वजह से भारत के लिए जरूरी था कि वो बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करे. पुलिस थानों को हटाया नहीं गया है, सिर्फ बीएसएफ का दायरा बढ़ाया गया है. ये निर्णय इस वक्त के लिए जरूरी है.

बता दें देश के सीमाई इलाकों में ड्रोन हमलों के खतरे की आशंका को पहले भी रेखांकित किया गया है. जम्मू-कश्मीर में ड्रोन का इस्तेमाल कर हमला किया भी चुका है. माना जा रहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा जमीन पर नेटवर्क तोड़ दिए जाने के बाद हताश आतंकी संगठन ड्रोन का इस्तेमाल हमले के लिए कर सकते हैं.

पश्चिम बंगाल में विरोध
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी फैसले पर विरोध दर्ज कराया है. पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा- ‘बीएसएफ चाहे तो तलाशी अभियान कर सकती है. वो हमेशा इसे पुलिस के साथ मिलकर करते हैं. ये वर्षों से चला आ रहा है. अब इस नए निर्णय के जरिए संघवाद पर हमला किया गया है.’

असम के मुख्यमंत्री ने दिया समर्थन
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने समर्थन किया है. सरमा ने कहा है कि राज्य पुलिस के साथ बीएसएफ के बेहतर सहयोग के जरिए सुरक्षा की स्थितियां और ज्यादा मजबूत होंगी. उन्होंने कहा कि ये कदम देश की सुरक्षा के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण है.

पंजाब में विरोध
इसके अलावा पंजाब में भी इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री ने इस फैसले पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया है- ‘मैं केंद्र सरकार के इस एकपक्षीय फैसले का विरोध करता हूं जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किमी अंदर तक बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं. ये संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस अतार्किक फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील करता हूं.’