म्यांमार सेना और विद्रोही समूहों के बीच सागाईंग क्षेत्र में हो रहे संघर्ष में कम से कम 30 जुंटा सैनिकों की मौत हो गई है. रेडियो फ्री एशिया ने पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के सदस्यों के हवाले से खबर दी कि यह लड़ाई तब हुई जब जुंटा सैनिकों ने क्षेत्र में विद्रोहियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन लॉन्च किया है.
पीपुल्स डिफेंस फोर्स के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘सोमवार की सुबह एक सैन्य काफिले ने पेल टाउनशिप के बाहर बारूदी सुरंग की चपेट में आने से एक सीनियर कमांडर सहित कम से कम 30 सरकारी सैनिकों की मौत हो गई.’
प्रवक्ता ने बताया कि हम रविवार से काफिले के साथ उनके आने का इंतजार कर रहे थे. सीनियर कमांडर 23 बड़े वाहनों के बीच में एक छोटी कार में सवार थे. उन्हें सिर में गंभीर चोटें आईं थीं. बता दें कि म्यांमार की सेना को सागाईंग क्षेत्र में सबसे मजबूत प्रतिरोध का सामना करना पड़ा रहा है, यहां विद्रोहियों और सैनिकों के बीच लगातार खूनी जंग जारी है.
तख्तापलट के बाद बिगड़े हालात
म्यांमार में हालात इस साल एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से खराब है. सेना के मुखिया सीनियर जनरल मिंग आंग हलइंग ने एक साल तक आपातकाल की घोषणा की थी. सेना को आपातकाल के बाद म्यांमार की जनता का विरोध भी झेलना पड़ रहा है और कई बार इन घटनाओं ने हिंसक रूप भी ले लिया. एक रिपोर्ट के मुताबिक, तख्तापलट के आठ महीनों में अब तक 1167 नागरिकों की मौत हो चुकी है. 7219 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. बीते महीने में सेना और विद्रोहियों के बीच हिंसक झड़प की 132 घटनाएं हो चुकी हैं.