बलौदाबाजार,10 अक्टूबर 2021। मेरूवाणी डाॅट इन…
कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 4 से लेकर 11 अक्टूबर तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिलें विविध जागरूकता कार्यक्रम, जाँच और उपचार हेतु विशेष शिविरों आयोजन किया जा रहा है।
इस तारतम्य में जिला मुख्यालय स्थित पंडित चक्रपाणि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्कूली छात्रों हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप जिला पुलिस अधीक्षक आई के एलेसेला उपस्थित रहें। उन्होंने बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य और बेड टच, प्रताड़ना, बाल अपराध सहित बाल मजदूर विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी छात्रों के साथ शेयर की।
साथ ही विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के संबंध में गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राकेश प्रेमी ने बताया कि जिले में इस पूरे सप्ताह में विविध प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं जिसमें आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला जिसमें गेटकीपर ट्रेनिंग दी गई है। इसमें समुदाय के कुछ चुनिंदा लोगों को आत्महत्या के संबंध में प्रशिक्षित किया गया है जिसमें वह किसी व्यक्ति के व्यवहार को समझ कर उसमें आत्महत्या करने की प्रवृत्ति के लक्षणों की पहचान कर उसकी रोकथाम कर सकते हैं। उसी तरह तनाव प्रबंधन कार्यशाला, जिसमें चिकित्सा स्टाफ को प्रशिक्षित कर ना केवल उनके तनाव को कम किया जा रहा है बल्कि उन के माध्यम से ओपीडी में आ रहे मानसिक समस्या वाले मरीजों की भी खोज की जा सकती है।
बच्चों के लिए जीवन कौशल कार्यक्रम जिसमें बच्चों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए 10 प्रकार के जीवन कौशल के संबंध में बताया जा रहा है, यह कौशल उनके मानसिक विकास और व्यवहार को संतुलित करने एवं अच्छे नागरिक बनने को प्रेरित करता है। इसमें निर्णय लेना, समस्या का समाधान, रचनात्मक सोच, अन्तरवैयक्तिक संचार, स्वयं की जागरूकता, तनाव का अनुभव और प्रबंधन महत्वपूर्ण बिंदु है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जिसमें मानसिक समस्या से जूझ रहे लोगों हेतु परामर्श सहित जांच उपचार की व्यवस्था की जाएगी।
उक्त कार्यक्रम में डॉ प्रेमी ने बच्चों को अपनी मानसिक स्थिति को कैसे मजबूत करें, समस्या का समाधान हेतु किस प्रकार का पहल करें और तनाव की स्थिति में क्या करना है इसके संबंध में सरल शब्दों में समझाया।
साथ ही जिला सलाहकार डॉक्टर सुजाता पांडेय ने बच्चों को बताया कि उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए एवं अपने तनाव का प्रबंधन करने हेतु उन्हें अपने माता पिता या किसी करीबी से अवश्य बात करनी चाहिए। किसी प्रकार का कोई गलत कदम उठाने से बचना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि अपने किसी शौक को वह और अच्छे से प्रस्तुत करें। मानसिक रोगों के संबंध में डॉ प्रेमी ने आगे बताया कि मुख्य रूप से तीन प्रकार के मानसिक रोगी दिखाई पड़ते हैं इसमें डिप्रेशन चिंता घबराहट नशा जैसे सामान्य मानसिक रोग हैं। ऐसे ही साइकोसिस शिजोफ्रेनिया गंभीर मानसिक रोगों के अंतर्गत आते हैं जबकि मिर्गी अल्जाइमर डिमेंशिया यह ऑर्गेनिक मानसिक रोग के रूप में माने जाते हैं । मानसिक रोगी को संवेदना परामर्श तथा साथ की आवश्यकता होती है। आवश्यकता पड़ने पर दवाइयां भी दी जाती हैं जिससे वह ठीक भी हो जाते हैं।
8 अक्टूबर को आयोजित विशेष मानसिक स्वास्थ्य शिविर में जिले में 380 लोगों का परीक्षण किया गया जिसमें साइकोसिस के 2, अवसाद के 5, चिंता के 7, अन्य डिसऑर्डर के 16, अल्कोहल के 9, निकोटिन के 24 नए केस प्राप्त हुए।.जबकि इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक मानसिक रोग क्लीनिक में 5 हजार 380 मरीज देखे गए, जिसमें से 389 साइकोसिस, 301 डिप्रेशन, 424 चिंता और 1 हजार 670 नशे से जूझ रहे थे। इन सभी की काउंसलिंग की गई एवं उपचार दिया गया।
जिला अस्पताल बलौदाबाजार में मानसिक रोगों के बाबत चिकित्सक बैठते हैं जिन से परामर्श और उपचार लिया जा सकता है। जिला अस्पताल में बुधवार को एक विशेष क्लीनिक भी आयोजित होता है। इसके साथ ही हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी इस बाबत प्रशिक्षित हैं और उपचार प्रदान करते हैं।