दिल्ली में कोरोना (Corona) से बिगड़ते हालात भले ही सुधर रहे हों और चरणबद्ध तरीके से चीजों को खोला भी जा रहा है. लेकिन दिल्ली सरकार ( Delhi Government) कोई भी ढील बरतने के मूड़ में नहीं है. दिल्ली सरकार खासकर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर दिल्लीवालों को वैक्सीनेट कराने की कोशिश में जुटी हुई है.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की ओर से आज इस संबंध में एक बार फिर सख्त आदेश निकालते हुऐ सरकारी कर्मचारियों को 15 अक्टूबर तक कोरोना वैक्सीन डोज (Corona Vaccine Dose) यानी (पहली डोज) को लेना अनिवार्य कर दिया है. अगर कोई इसका अनुपालन नहीं करेगा तो उसको अनुपस्थित मानते हुए ‘ऑन लीव’ मार्क किया जाएगा.
डीडीएमए के स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरपर्सन और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी विजय देव की ओर से आज शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया गया है. इसमें साफ और स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि 15 अक्टूबर से पहले सभी सरकारी कर्मचारी अपना कोरोना वैक्सीनेशन करवा लें.
इन सभी सरकारी कर्मचारियों में सरकारी के अलावा ऑटोनॉमस बॉडीज, पीएसयूज, लोकल बॉडीज, शिक्षण संस्थान, जोकि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं. सभी को 15 अक्टूबर तक अपनी कम से कम पहली कोरोना वैक्सीजन डोज का लेना अनिवार्य है.
आदेशों के मुताबिक इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ-साथ सभी स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षक और अन्य स्टाफ को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल के तहत 15 अक्टूबर तक कम से कम कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज का लेना अनिवार्य है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सभी दफ्तरों, हेल्थ केयर संस्थानों, शिक्षण संस्थानों में 16 अक्टूबर से एंट्री नहीं होगी. वहीं उन सभी को ड्यूटी पर ‘ऑन लीव’ माना जाएगा.
इसको सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सभी विभागों के विभागाध्यक्षों और संबंधित कार्यालयों की होगी. उनको वैक्सीनेशन को आरोग्य सेतु एप्लीकेशन या फिर वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट के जरिए वेरिफाई करना होगा. भारत सरकार की ओर से भी दिल्ली सरकार के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के लिए ऐसे ही निर्देश जारी किए गए हैं