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यूपी चुनाव से पहले विपक्षी राजनीति में अखिलेश और मायावती से आगे निकलीं प्रियंका गांधी.

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कांग्रेस (Congress) की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) की घटना के बाद मौके पर पहुंचने के मामले में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बड़े नेताओं को एक बार फिर पीछे छोड़ दिया है. ऐसा यूपी चुनाव के पहले विपक्षी दलों की राजनीति पूरे शबाब पर पहुंचने के दौरान हुआ है.
प्रियंका गांधी ने घटना की जानकारी होने के बाद रविवार को रात 8:30 बजे दिल्‍ली से फ्लाइट ली और रात 10 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचीं. उनके साथ कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी थे. पहले उनकी योजना सोमवार को सुबह लखीमपुर खीरी जाने की थी. लेकिन जब उन्‍हें पता चला कि प्रशासन वहां प्रतिबंध लगाने और राजनीतिज्ञों के आने पर बैन लगाने जा रहा है तो उन्‍होंने अपनी योजना बदल ली.
प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा ने मध्‍य रात्रि से पहले ही कांग्रेस नेता शीला कौल का घर छोड़ दिया और बाहर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद वे लखीमपुर खीरी के रवाना हो गए. बीच रास्‍ते में प्रियंका गांधी के काफिले को पुलिस की ओर से रोकने का प्रयास हुआ. लेकिन उन्‍होंने कार बदली और अपनी यात्रा जारी रखी. बीच रास्‍ते में प्रियंका गांधी और दीपेंद्र सिंह हुडा की पुलिस से तीखी बहस भी हुई.
आखिर में पुलिस प्रियंका गांधी को सीतापुर जिले में रोकने में कामयाब रही. इसके बाद उन्‍हें और दीपेंद्र हुड्डा को हिरासत में ले लिया गया. प्रियंका गांधी ने पुलिस से बहस के दौरान हिरासत में लेने के लिए वारंट दिखाने को भी कहा. उन्‍होंने यह सवाल भी किया कि अगर लखीमपुर खीरी में पीड़ितों से मिलने जाना अपराध नहीं है तो उन्‍हें ऐसा करने से क्‍यों रोका जा रहा है? इसके बाद राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया. उन्‍होंने कहा, ‘प्रियंका, मैं जानता हूं तुम पीछे नहीं हटोगी- तुम्हारी हिम्मत से वे (यूपी सरकार) डर गए हैं.’

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव भी सोमवार को लखीमपुर खीरी जाने के प्रयास में हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि उन्‍हें वहां जाने की अनुमति नहीं मिलेगी क्‍योंकि उनके घर के बाहर बड़ी संख्‍या में पुलिस बल तैनात है और सड़कें बंद कर दी गई हैं. अखिलेश यादव को उनके आवास के बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. वह अब वहां धरने पर बैठ गए हैं. वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के वरिष्‍ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा को सोमवार को लखीमपुर जाने को कहा. लेकिन उनको रविवार रात को ही घर पर नजरबंद कर दिया गया.