पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में मची उथल-पुथल के बीच कन्हैया कुमार ने मंगलवार को पार्टी का दामन थाम लिया. सीपीआई (CPI) नेता के देश की सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने का विकल्प चुनने को लेकर हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं. न केवल अन्य पॉलिटिकल पार्टी, बल्कि राजनीतिक मामलों में रूचि रखने वाले आम लोग भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि उन्होंने कांग्रेस की क्यों ज्वॉइन की? कोई कहता है कि सीपीआई में रहते हुए कन्हैया की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी नहीं हो सकती थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस को चुना तो किसी का मानना है कि फिलहाल कांग्रेस भी कन्हैया, जिग्नेश मेवाणी जैसे युवा, तेजतर्रार नेता को तवज्जो देकर खुद को आगे लाना चाहती है, जो बीजेपी (BJP) और अन्य प्रतिद्वंद्वियों के सामने पार्टी उनकी तरफ से मजबूती से खड़ा हो सके.
पत्रकारों से खचाखच भरे कांग्रेस के प्रेस कान्फेंस रूम में जब कन्हैया ने पत्रकारों के सामने अपनी बात रखने की शुरुआत की तो सबसे पहले उन्होंने खुद यही कहा कि ‘दोस्तों, मुझे लगता है कि बहुत कुछ कहने की जरुरत नहीं है. आजकल सूचना क्रांति के इस दौर में हमसे ज्यादा मालूम हमारे पत्रकार साथियों को होता है. तो बेहतर ये होगा कि आप सवाल पूछें, मैं आपका जवाब दूं, लेकिन आप सवाल कहां से पूछेंगे और आपके मन में कौन से सवाल चल रहे हैं, इसका थोड़ा सा अंदेशा है मुझे. थोड़ा अंदाजा भी है’.