बिल्हा, बिलासपुर। मेरूवाणी डाॅट इन…
छत्तीसगढ़ प्रदेश के न्यायधानी बिलासपुर जिला अंतर्गत जनपद पंचायत बिल्हा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुंआ में स्थानीय निवासियों को अनेक प्रकार की तकलीफों और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ग्रामीणों द्वारा इन परेशानियों के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधी को कई बार अवगत कराया जा चुका है परन्तु अभी तक जनता के हित में किसी भी प्रकार की कोई संतुष्टिपूर्ण कार्य नहीं हो पाया है।
ग्राम पंचायत कुंआ के ग्रामीण स्थानीय निवासी विजय कुमार कुर्रे नें बताया कि हमारे गाँव के बड़े तालाब जिसमें आधा से ज्यादा गाँव के लोग निस्तारी करते हैं, उसे ग्राम पंचायत कुंआ के द्वारा मछलीपालन के लिए ठेका दिया गया है, जिसमें गाँव के ही दस-पंद्रह लोगों द्वारा प्रतिबंधित महुआ शराब बनाकर जो उसमें अवशेष (पाॅश) बचता है उसे इसी तालाब में डाल दिया जाता है, जिसके कारण तालाब का पानी जहरीला हो गया और तालाब की मछलियाँ स्वत: मरनें लगी, इससे क्षेत्र में महामारी फैलनें की आशंका है, इतना ही नहीं गाँव में ना तो स्ट्रीट लाइट है, और ना ही सड़क है, राशन सहीं समय पर नहीं मिलता है, स्वास्थ्य और शिक्षा तो पूरा भगवान भरोसा है।

ग्राम पंचायत कुंआ के सरपंच प्रतिनिधी नें कहा कि उक्त तालाब को तालाब के आस-पास के रहनें वाले लोग ही गंदा कर रहे हैं, खुद उन्ही लोगों के द्वारा महुआ शराब बनाया जाता है और पाॅश को तालाब में फेंका जाता है, क्षेत्र के आबकारी विभाग को भी इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी है लेकिन सहीं तरीके से कार्यवाही करनें में असफल रहें है, उन्होंने कहा कि विगत माह भर पहले यहाँ कार्रवाई हुई थी लेकिन आरोपी फरारी रहकर अभी भी खुलेआम घूम रहा है।
ग्राम पंचायत कुंआ के सरपंच के घर के पास रेत का बहुत बड़ा भण्डारण भी है, जिसके बारे में पूछनें पर सरपंच प्रतिनिधी नें बताया कि डम्प किया हुआ रेत ग्राम पंचायत का है और ग्राम पंचायत के विभिन्न निर्माण कार्यों में इसका उपयोग किया जा रहा है, यह भी एक जांच का विषय है।
इस खबर के प्रसारण उपरांत अब देखनें वाली बात यह होगी कि उक्त ग्राम पंचायत कुंआ के संबंधित जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधी मामले को संज्ञान में लेकर जन हित में क्या कार्रवाई करते हैं।
शेष अगले अंक में…
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