✍… धान के फसलों को काटकर चूस लेते हैं जंगली सूअर…
✍… तीसरे व्यक्ति के बाद चौथे व्यक्ति को भी जंगली सूअर के हमले से होना पड़ा घायल…
पलारी बलौदाबाजार। राघवेन्द्र सिंह “मेरूवाणी डाॅट इन”…
बलौदा बाजार भाटापारा जिले की पलारी विकासखंड और बलोदा बाजार विकासखंड के मध्य में दोनों विकासखंड को जोड़ने वाली धाराशिव अस्थाई रोपड़ी बना हुआ है जो वन विभाग के क्षेत्र में है जहां पर जंगली जानवर के अलावा जंगली सूअरों का भी आतंक बढ़ चढ़कर बोल रहा है क्षेत्र में जंगली सूअर के आतंक से पूरे किसान और लोग भी परेशान है जंगली सूअर कभी भी कहीं भी अपना धावा बोल देते हैं वह बच्चों से लेकर बूढ़े तक किसी को नहीं देखते हैं और वार कर देते हैं जिससे घायल होना लाजमी है और कई बार तो जान पर बात आ जाती है जंगली सूअर अभी वर्तमान स्थिति में किसानों के द्वारा फसल लगाया गया है उसे काटकर चूस लेते हैं और धान का फसल बढ़ने के बाद जंगली सूअर अपने बच्चे को भी फसल के ही मध्य में जन्म देते हैं जिससे फसल तो नुकसान होता ही है और इनके बीच में अगर कोई चला जाए तो फिर इनका उनसे भिड़ना भी तय है।
मामला अभी धाराशिव रोपड़ी के क्षेत्रों से आ रहा है कि ग्राम पंचायत ढेलकी, सोनार देवरी और आसपास के कई गांव में जहां पर अभी अस्थाई रोपड़ी के कारण जंगली जानवरों का निवास होता है और आसपास के क्षेत्रों में उनका घूमना होता है और अभी किसानों के द्वारा धान की फसल लगाएं जाने के कारण वह अपने भोज्य पदार्थों का तलाश करते करते फसलों को भी काट कर चूस लेते हैं जिससे वह फसल भी खराब हो जाता है और अभी वर्तमान स्थिति में किसान तीन-चार महीनों से इस खेती को करता है लेकिन जंगली सूअर पर आतंक से वह अपनी फसल को बचाने में सहज और असहाय महसूस करता है। अभी हाल ही में कुछ दिन पूर्व कामता प्रसाद साहू का जंगली सूअर के द्वारा जब अपनी खेत देखने गया वहीं पर हमला कर दिया गया और उससे घायल भी होना पड़ा और कुछ देर तक बेहोशी की हालत में भी था जैसे तैसे खून से लथपथ वह अपने गांव की ओर आया जिसे परिजनों और ग्रामीणों के द्वारा प्राथमिक उपचार के लिए पलारी स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ा दूसरे तीसरे दिन इन्होंने इनकी शिकायत लवन चौकी में भी की की जंगली सूअरों के आतंक से उन्हें घायल होना पड़ा जिसमें लवन चौकी के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर अस्पताल से मुलाजिम करा करके अभी विवेचना किया जा रहा है। ग्रामीणों और कोटवार ने बताया कि किसान अभी अपने खेती में जुटे हुए हैं लेकिन इस तरह से अगर उनका कोई फसल का भक्षण करने लगे तो वह क्या करेगा वैसे ही पानी के अभाव में खेती की हालत नाजुक थी और अभी कुछ दिन से बारिश होने से फिर से फसल लहलहाने लगी है मगर किसान अभी भी चिंतित है क्योंकि वन विभाग के द्वारा ना हीं अपने अस्थाई रोपड़ी की घेराबंदी कर पाए हैं ना ही इनको रोक पाने में सफल है और जंगली जानवरों के द्वारा कई बार कई तरह से शिकार होना पड़ जाता है और तीन लोगों की इसी तरह से दर्दनाक हादसा भी हुआ है और यह फिर से आज गांव में घटना घटित हुआ है और ऐसा ही चलता रहा तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है और यह आसपास के क्षेत्रों में ऐसा होते ही जा रहा है।