पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism) ने श्रद्धालुओं (pilgrims) की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) के आसपास के इलाके डेवलप किया है, जिससे मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब पार्किंग समेत कई अन्य सुविधाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. मंत्रालय ने यह सारा डेवलपमेंट प्रशाद (PRASHAD) योजना (तीर्थ यात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन) के तहत किया है.
केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने मंदिर और आसपास को विकसित करने के लिए 29.99 करोड़ प्रशाद योजना के तहत खर्च किए हैं. यहां पर डेवलपमेंट का सारा काम हो चुका है. पर्यटन मंत्रालय अनुसार मंदिर पहाड़ी में होने के कारण श्रद्धालुओं को वाहन पार्क करने में परेशानी होती थी. कई बार श्रद्धालुओं को काफी दूर वाहन पार्क करने पैदल ही मंदिर तक जाना पड़ता था. इसी को ध्यान में रखते हुए यहां पर मल्टीलेबल पार्किंग का निर्माण कराया गया है. जहां पर 150 वाहनों पार्क किए जा सकते हैं. साथ ही यहां पर बेबी केयर और वरिष्ठ लोगों के लिए सीनियर सिटीजेंस सेंटर बनाया गया है,जहां पर आराम कर सकते हैं.
ये भी काम हो चुके हैं पूरे
यहां पर वेंडर हाट बनाया गया है, जहां पर स्थानीय लोग दुकान लगा सकें. मंदिर में लाइटिंग की खास व्यवस्था की गई है, जिससे दूर से मंदिर जगमगाता रहे. पूरे मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों को सीसीटीवी से लैस किया गया है, जिससे कंट्रोल रूम से नजर रखी जा सके. फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया गया है. इसके साथ ही मंदिर से रोजाना निकलने वाले फूल और पूजन सामग्री के लिए टेंपल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी तैयार किया गया है. साथ इसके अलावा यहां लगने वाले अमुबाची मेला के लिए ग्रांउड की डेवलप किया गया है.