बलौदबाजार भाटापारा। राघवेन्द्र सिंह “मेरूवाणी डाॅट इन”…
करही बाजार में झोलाछाप बंगाली डॉक्टर का बोलबाला है, क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण बंगाली दवाखाना का बोलबाला है, इन डॉक्टरों के पास किसी भी प्रकार की कोई डिग्री नहीं है और ज्यादा पढ़े लिखे भी नहीं हैं लेकिन फर्जी तरीके से क्षेत्र में इन लोगों का क्लीनिक किसी एमबीबीएस डॉक्टर से कम नहीं चलता, दूधमुहे बच्चों को इंजेक्शन लगाना, ड्रीप लगाना एवं इनके पास दवाइयों का भरमार है, आसपास क्षेत्र के भोले भाले मरीजों को बेवकूफ बनाना तो कोई इन लोगों इन लोगों से सीखे, इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलना इन डॉक्टरों की फितरत है, जब नियम कानून के रखवाले ही अपनी आंख कान बंद कर ले तो नियम की धज्जियां उड़ाना लाजमी है, ऐसे ही करही बाजार में बंगाली दवाखाना झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा एक बड़ी क्लीनिक चलाया जा रहा है इनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं होती कई बार शिकायत करनें के बावजूद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती, अगर कोई लिखित शिकायत कर भी दे तो स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने से पहले इनके पास सूचना पहुंच जाती है स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए आने से पहले सतर्क हो जाते हैं और अपने क्लीनिक का शटर गिरा देते हैं, कई झोलाछाप डॉक्टरों को तो स्वास्थ विभाग द्वारा मना करनें पर भी झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से अपना दुकान चला रहे हैं, कुछ इसी तरह का मामला निकल कर आया है करही बाजार में बंगाल से आया हुआ झोलाछाप डॉक्टर विश्वास का क्लीनिक धड़ल्ले से चलता है।
उपरोक्त तस्वीर से समझ आ रहा है कि लापरवाही पूर्वक डॉक्टर बिना मास्क के दूधमुहे बच्चे का भी इलाज करते है, इसी तरह चलता रहा तो भोले-भाले ग्रामीण इस डॉक्टर के जाल में फस कर अपना जान भी गवा सकते हैं, फिलहाल इनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है आगे कार्यवाही होती है कि नहीं होती है यह तो स्वास्थ्य विभाग वाले ही जाने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कई बार समाचार प्रकाशित होने के बावजूद भी स्वास्थ विभाग की टीम आंख मूंदे बैठे हुए हैं और लोगों के साथ इसी तरह से खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य विभाग किसी प्रकार की कोई बड़ी अनहोनी का इन्तजार कर रहा हो।