गढ़वा(एजेंसी)! जिले में मनरेगा की योजनाओं में बंदरबांट हो रहा है। अधिकारी से लेकर चपरासी तक का पीसी ले रहे हैं। बेडर द्वारा रेट तय कर दिया गया है। मनरेगा से रोड, पशु शेड, कुआ का पैसा वेंडर के खाते में छोड़ा गया है, जिससे लामुक वेंडर का चक्कर लगा रहे हैं, बावजूद उनके हक का भी पैसा नहीं मिल पा रहा है। लाभुकों का कहना है कि उन्होंने जो घर से रुपए लगाए है वो भी नहीं मिल पा रहा है। हमलोग कई महीने तक ब्लॉक का चक्कर लगाते हैं, तब जाकर उन्हें एक योजना मिलती है वो भी योजना लेने से पहले 10 प्रतिशत पीसी देना पड़ता है। आज यहां आलम यह है कि गढ़वा के बैडर उनका पैसा चटनी की तरह चटा रहे हैं 60 प्रतिशत घूस पीसी के रूप में लिया जा रहा है। उसमें काम क्या होगा और जो लाभुक घर से लगाया है, उसको क्या मिलेगा? लामुक इबरार अंसारी को मनरेगा रोड में मैटेरियल का पैसा 113844 गया, लेकिन उसे मात्र 41 हजार रुपया मिला। बाकी 72844 रुपया घूस पीसी के रूप में चला गया। इबरार का कहना है हमलोग बहुत परेशान है हमलोगों के हक का पैसा कौन दिलवाएगा? हमलोग अपने घर से पैसा लगाए है हमला, “गों की बात कोई अधिकारी नहीं सुन रहे हैं।
क्या कहते हैं वेंडर?– वेंडर का कहना है कि हम क्या करें? हमको भी चपरासी से लेकर अधिकारी तक पैसा देना पड़ता है। हम अपने घर से पैसा लगाकर अधिकारी को नहीं देंगे हम वही न करेंगे, लाभुक से ही न पैसा काटेंगे हमको भी बहुत दर्द होता गरीबों का खून चूसने में, लेकिन मेरी भी मजबूरी है। इसलिए हम लाभुक का खून चूस रहे हैं। अगर अधिकारी लोग अपनी पीसी छोड़ दें तो हम किसी लाभुक से पैसा नहीं लेंगे।किसको कितना तय है पीसी– वेंडर द्वारा तय की गयी पीसी के अनुसार बीडीओ को योजना होने से पहले 5 प्रतिशत और मटेरियल में भी 5 प्रतिशत पीसी देनी होती है। मुखिया 5 प्रतिशत रोजगार सेवक 5 प्रतिशत ऑफिस खर्चा 18 प्रतिशत, जेई का 5 प्रतिशत, एई का 3 प्रतिशत ऑपरेटर 2 प्रतिशत और लोलर में अधिक पैसा काटा जा रहा है। 4 हजार की जगह पर 9 हजार बैडर के द्वारा लिया जा रहा है। वही इस मामले पर पूछे जाने पर गढ़वा उप विकास आयुक्त ने कुछ नहीं बताया। बात करने पर कहा कि हम अभी एक मीटिंग में बाद में बात करेंगे।