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भारतीय कला जगत में कला, संस्कृति और कलाकारों के लिए काम करनें वाली संस्था है “राष्ट्रीय कलाकार एसोसिएशन” देश में अपनी तरह की एक अलग पहचान रखनें वाली संस्था…

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रायपुर छत्तीसगढ़। मेरूवाणी डाॅट इन…

भारतीय कला जगत में कला, संस्कृति और कलाकारों के लिए काम करने वाली संस्था है *राष्ट्रीय कलाकार एसोसियेशन* देश में अपनी तरह की एक अलग पहचान रखने वाली संस्था है, जो सिर्फ और सिर्फ कला संस्कृति और कलाकारों के लिए काम करती है।चाहे कलाकारों के हक की आवाज़ उठानी हो या उनके सहयोग के लिए खड़ा होना हो राष्ट्रीय कलाकार एसोसियेशन हर पल अपने सदस्यों के साथ खड़ा है, राष्ट्रीय कलाकार एसोसियेशन के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष मिनहाज सोहाग्रवी, राष्ट्रीय महासचिव- डॉक्टर दिलीप मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव- ईरशाद खान, राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव – जितेंद्र सिंह जितू, राष्ट्रीय संयोजक महावीर सोनी, राष्ट्रीय सलाहकार रवींद्र अरोड़ा, राष्ट्रीय संरक्षक अंकेश्वर मिश्रा, पदमश्री गुलाबो दीदी, योगेश राज मिश्रा, अंजन गोश्वामी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष पाल, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नवीन सर्राफ इत्यादि सभी पदाधिकारियों के अथक प्रयास से संस्था इस वक्त देश के लगभग बारह प्रदेशों में अपनी प्रदेश कार्यकारिणी का गठन और विस्तार कर चुके है, जिसमे मुख्यतः छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यकारिणी बधाई की पात्र हैं जिसमे प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया पटनीहा, प्रदेश महासचिव लक्ष्मण राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष सूबे सिंह चौहान, प्रदेश मुख्य सलाहकार योगेश गोयनका,
इत्यादि प्रदेश पदाधिकारी गणों द्वारा संस्था के मूल उद्देश्यों…

1. कलाकर क्रेडिट कार्ड

2. प्रदेश में फिल्म इंडस्ट्री का निर्माण

3. कला जगत को इंडस्ट्री का दर्जा

4. बीमा और पेंशन योजना में सहभागिता

5. कोरोना काल में बेरोजगार हुए कलाकारो को नगद सहायता राशि

इत्यादि उद्देश्यों की प्राप्ति और सरकार से सहयोग के लिए माननीय प्रधान मंत्री जी, माननीय मुख्यमंत्री जी को संस्था की तरफ से पत्र भेजकर कलाकारो के सहयोग की मांग की गई है।

कला और कलाकारों के सहयोग के लिए संस्था द्वारा निः शुल्क सदस्यता अभियान भी चलाया जा रहा है, जहां कुछ जानी मानी संस्थाएं हजारों रुपए लेकर कलाकारो को आर्टिस्ट कार्ड बनाती है वही राष्ट्रीय कलाकार एसोसियेशन अपने सदस्यों को फ्री आर्टिस्ट कार्ड बनाती है।

संस्था का मानना है कि अभी तक देश में जितनी भी सरकारें आई कलाकारो को सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक का जनक ही समझा है इस करोना महामारी में लाखो कलाकार बेरोजगार हो गए लेकिन किसी ने उन बेरोजगार कलाकारो के बारे में नही सोचा, चुनाव होते रहे, नेताओ के भाषण होते रहे, रैलियां आयोजित होती रहीं, बड़े बड़े धार्मिक आयोजन होते रहे बस बंद था तो कलाकारो के रोजी रोटी से जुड़ा सभी कार्यक्रम, इसके लिए कला जगत से जुड़े सभी लोगों को एक जुट होकर अपने हक के लिए आवाज उठानी होगी।