आतों की टीबी (Intestinal Tuberculosis) वैसे तो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन युवा और मध्यम आयु के लोगों में इसके संक्रमण की आंशका अधिक रहती है. इसके अलावा डाइबिटीज (Diabetes) और एचआईवी पॉजिटिव रोगियों में भी इसका संक्रमण जल्दी होता है. दैनिक जागरण में छपी ऑनली माई हेल्थ.डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक खाते ही उल्टी आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आंतों की टीबी के लक्षण हो सकते हैं.
जानकार बताते हैं कि ये बीमारी संक्रमित थूक के संपर्क में आने, टीबी वाले बैक्टिरिया से दूषित खाने की चीजों और फेंफड़ों की टीबी के संक्रमण से आतों तक पहुंचने के कारण भी होती है. रिपोर्ट के अनुसार आंतों की टीबी पाचन तंत्र (Digestive Track) के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है और ज्यादातर ये छोटी और बड़ी आंत को प्रभावित करती है. आंतों की टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) और माइकोबैक्टीरियम बोविस (Mycobacterium bovis) के कारण होती है.
रिपोर्ट में लिखा है कि टीबी के अन्य संक्रमणों की तुलना में आंतों की टीबी के लक्षण कुछ कम दिखाई देते हैं. इसलिए कई बार इसका पता चलने में देरी हो जाती है. दरअसल, आंतों की टीबी वैसे तो आम टीबी की तरह ही है और इसका इलाज आसानी से हो जाता है, लेकिन इलाज में देरी से आंतें बुरी तरह खराब हो जाती है.
शरीर का वजन कम होना
दरअसल, आंतों में टीबी के संक्रमण से खाना पचने में परेशानी होती है और पाचन खराब हो जाता है. इसके कारण शरीर को भोजन से जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं और शरीर कमजोर होने लगता है, साथ ही वजन भी कम होने लगता है.
हल्का बुखार रहना
रिपोर्ट के अनुसार लगतार हल्का बुखार रहना भी टीबी के लक्षण है. इसके कारण कई बार रात में बहुत तेज गर्मी का अहसास होता है और फिर तेज पसीना आता है. यदि लगातार हल्का बुखार रहे और रात में पसीना आए तो इसे कतई नरअंदाज न करें और डॉक्टर की सलाह लें.
खान-पान की आदतों में बदलाव
आंतें खाना पचाने में मदद करती हैं. आंतों की टीबी होने पर खाने पीने की आदतों में बदलाव आ सकता है. भूख कम हो सकती है. खाने के प्रति अरुचि पैदा हो सकती है.